________________
सवान-उमरी. पपातिका-प्रश्न व्याकरणमूत्र-और-विपाकसूत्र इनदिनो में वाचे. कइदफे बडीवडी सभाये हुइ. और धर्मचर्चा के बारेमें बहेस होतीरही,
ॐ [कर्मपर-व्याख्यान, ] ___ एकरौज-महाराजन-कर्मपर-व्याख्यानदिया. तकदीरकहोकर्मकहो-या-नसीवकहो-बातएकही है, जैनशास्त्रोमें कर्म आठतरहके बयानफरमाये, १-ज्ञानावरणीय, २-दर्शनावरणीय, ३वेदनी, ४-मोहकर्म,--५-नामकर्म, ६-गोत्रकर्म, ७-आयुकर्म, ८-और अंतरायकर्म, खयालकरो ! एकशख्श बादशाहहै और हिराजवाहिरातलगे तख्तपर बेठताहै एक-मुल्क-ब-मुल्क फिरता है और रोटीयोसें मौताजहै, बतलाओ ! इसकी क्यावजह ? एक शख्श अकलमंदहै और एक-बेवकुफहै-तो-सोचो ! यह अकलमंद क्योंहुवा ? और दुसरा बेवकुफक्यौं ? एकमदर्सेमें दो-लडकेएक उस्तादसें (२०) वर्षतक इल्मपढतेरहे, उसमेसें एक-पासहुवा, दुसरा फेलहुवा, बतलाओ ! इसकी क्यावजह ? एकशख्श अपनेधर्मपर ऐसा मुस्तकीम हैकि--किसीके बहकानेमें नहींआता. दुसरा ऐसा वेबकुफहैकि-उसकों बारांवर्षतक धर्मशास्त्र सुनाओ. मगर उसका एतकात धर्मपर नहीजमता, खयालकरो! इसकी क्या ! वजह ? एकशख्श ताबेउमर तंदुरस्तरहा, और एक ऐसा बीमाररहाकि-तमाम उमर उसकी वीमारीमें गुजरी, कहिये ! उसकी क्या ! वजह ? एकशख्शको अपनीऔलाद और दौलतसे इतनी मोहब्बतहैकि-शिवाय इनके धर्मकों फिजहुल समझताहै, और एकशख्श धर्मकों उमदा औलाद और दौलतकों कुछनहीसमजता, सोचो ! इसकोक्यावजह, ? एकशख्श ऐसा हसीन और खूबसुरत हैकि-जिसकीसानी दुसरामिलना दुसवारहै. और एक ऐसाबदसु
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com