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( ३५६ ) बयान - विरान - और - नामांतर होगये हुवे - तीथाँका.
का नामनिशान नही मिलता, ३८- अगंदिका नगरीमें- अजितनाथ और - शांतिनाथमहाराजकेब्रहमंद्रदेवतावसरनामका जैनतीर्थथा अत्र सरेदस्त — बोभी — मिटगया, ३९ - नर्मदानदीकी जहां - - बुनियाद है सेrमतीग्राम करीब तीर्थंकर अभिनंदनमहाराजके नामका जैनतीयेथा जमानेहाल - वोभी - विरान होगया, ४० - कोंचद्वीपमें-और४१ - हंसद्वीपमें - तीर्थकर सुमतिनाथ महाराजकी- देवपादुका के नामका जैनतीर्थथा अब वोभी नहीरहा, ४२ - आंबरी गांममे - श्रीमतीदेवके नामका जैन तीर्थथा वोभी अब उजडहोगया, ४३ - कोयाद्वार में सु विधिनाथमहाराज के नामका जैनतीर्थथा अब उसकाभी कुछपतानही ४४ - विंध्याचलमें जहांकि - हाथीयोंकी पैदाश ज्यादहथी - कदलीवन बडी रवन्नकदार जगहथी - गुप्तपार्श्वनाथ महाराजके नामका जैनतीfer - बरबाद होगया, ४५ - मलयागिरिपहाडमें - तीर्थंकर श्रेयांसनाथमहाराजके और पार्श्वनाथमहाराजके नामका जैनतीर्थथा जमानेहालमें वोभी - नेस्तनाबुद होगया, ४६ - हारवतीमें-४७- देसमुद्रमेंऔर-४८-- शाकपाणिमें तीर्थकर अनंतनाथमहाराजके- जैनतीर्थथेजमाने हाल में - वे भी - जेरे जमीन होगये, ४९ - अजागृह में - और -५०स्थंभनतीर्थ में नवनिधिपार्श्वनाथके महाराजके नामके जैनतीर्थथेअब वे भी - नाशहोगये, ५१ - करटक में- उपसर्गहरपार्श्वनाथ महा राजके नामका एकजैनतीर्थथा वोभी अब विरानहै, ०२ - अहिछत्तानगरी त्रिभुवनभानुके नामसे जैनतीर्थथा - अब वोभी नजर नहीआता, ५३ - कलिकुंडमें - और - २४ - नागहद तीर्थंकर पार्श्वनाथ महा राजके नामका तीर्थकरथा, वोभी अव - वरवादहोगया. ६५-कुकटेश्वरमे - विश्वगजपार्श्वनाथ - और - ५६ - कारपर्वतमें सहस्रफणीपार्श्वनाथके नामका तीर्थथा, ५७ - महाकालांतरस्थानमें - पाताल चक्रवर्ती पार्श्वनाथमहाराजके नामका जैनतीर्थथा, ५८- डाकुलीभीमेश्वरस्थानमें तीर्थंकरपार्श्वनाथ महाराजके नामका जैनतीर्थथा उसकीभी कुछखबर
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