________________
बयान-विन-और-नामांतरहोगयेहुवे तीर्थोंका. ( ३५५ ) कर शांतिनाथमहाराजके नामका एक जैन तीर्थया-वोभी-अब जमीनदोस्त है, १८-श्रीपर्वतमें तीर्थकर मल्लिनाथमहाराजके नामका एक जैनतीर्थथा वोभी बरबादहोगया, १९-माणिक्यदंडकमें तीर्थकर मुनिसुव्रतस्वामीके नामका एक जैन तीर्थथा वोभी अब जेरेजमीन होगया, २०-शंखजिनालयमें-और-२१-स्थंभतीर्थमें-पाताल गंगाभिधान-और-तीर्थकर नेमिनाथमहाराजके नामका जैनतीर्थया जमाने हालमें विरानहोगया, २२-दंडखातमें भव्य पुष्करावर्त-पार्ष. नाथमहाराजकेनामका जैनतीर्थथा वोभी अब-न-रहा, २३-भायल खामीगढमें देवाधिदेवके नामका एक जैनतीर्थथा वोभी अब नेस्तनाबुदहै, २४-गमशयनमें प्रद्योतकारि-श्रीवर्धमानस्वामिके नामका एक जैनतीर्थया-वोभी अब जमीनदोस्तहै, २५-सिंद्याद्रिपर्वतमेपेस्तर जैनतीर्थया वोभी अब जेरेजमीन होगया, २६-मुल्कद्राविडमें पेस्तर जैनतीर्थथा, २७-कान्यकुब्जमें पहेले जैनतीर्थया, २८-खेंगारंगढमें उग्रसेनपूजित-मंदिनीमुकुट-आदिनाथमहाराजके नामका जैनतीर्थया, जमानेहालमें उसकाभी सुराग नहींलगता, २९-नगरमहास्थानमें युगादिदेवके नामका एक जैनतीर्थथा अब-वोभी-नजर नहिआता, ३०-महानगरीमें-और-३१-उदंडविहारमें तीर्थकर आदिनाथमहाराजके नामका जैनतीर्थया-वोभी-अब जेरेजमीन होगया,
३२-काशहदमें त्रिभुवनमंगलकलश-आदिनाथ महाराज नामका जैनतीर्थका अब उसकाभी पतानहीलगता, ३३-सोपारक पत्तनमें जहांकि-राजाश्रीपालजी तशरीफ लायेथे तीर्थकर रिषभदेवमहाराजका जैनतीर्थथा जमानेहालमें बरबादहोगया, ३४-मोक्षतीर्थमें तीर्थकर नमिनाथमहाराजके नामका जैनतीर्थथा, अब-वोभी-नहीरहा, ३५-चंदरीमे-३६-तारणमे-और-३७-विश्वकोटि शिलापर तीर्थंकर अजितनाथ महाराजके नामका जैनतीर्थथा इसवख्त उस
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com