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________________ ( ३२६ ) दरवयान-शहरे-हैदराबाद-दखन. सइपेंठ-मनोहरावाद-मेडचल-वलारम-अलवाल-और-सिकंदराबाद होते-हैदरावाद जाना, रैलकिराया तीनरुपये पांचआने लगेगे, दरबयान-शहरे-हैदराबाद-दखन, } मुल्के दरखनमें मुसा नदीके दाहनेकनारे हैदरावाद एक-अजनवीशहर है. हैदरावाद राज्यकी उत्तरतर्फ-वरार-पूर्वोत्तर और पूर्व-मध्यप्रदेश-दक्षिण पूर्व-और दक्षिणतर्फ मद्रासहाता-और-पश्चिम तथा-पश्चिमोत्तर बंबइहाता है, हैदरावादसे एक पैदलसडक मद्रासतर्फ गइ है, जिसकेशाथ कटकसे आइ हुइ समुंदरके पासकी सडक आमीलती है, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीके वख्त हैदरावादकी मर्दुमशुमारी (४१५०३९) मनुष्योकीथी, वडे बडे आलिशानमकानात-रंगरौशनसे सजेसजाये-यहांपर देखोगे, सडके लंबीचोडी और सवारीके लिये इक्का बगी-तयार मिलेगी, रेसीडेन्सी-अफजलगंज-महाराजगंज-वेगमवाजार-चारकबाजार-वगेरामे वडी रवन्नक देखोगे, अफलगंजसे चारकवानकों जाते रास्तेमें मु. सानदी मिलेगी, जिसपर पुल बंधा हुवा है और इक्का वगी वगेरा सवारी जासकती है, बाजार निहायत उमदा-और-शानदार जिसमे लाखो रुपयोंकी-जिन्स और-माल-ब-असवाव-जो चाहो मिलसकेगा. पानीका नल हरजगह लगा हुवा और रातको सडकोंपर लालटे. नोकी रोशनी हुवा करती है, करीव टेशनके पब्लिकवाग जिसकों मेहबुववागभी वोलते है. बडा गुलजार और इसमे तरहतरहके जानवर चुनाचे-शेर-चीते-हिरन-भालु-और कइकिसमके परीदे तोता -मना-चिडिया वगेरा रखे हुवे है, शहरकी पूरवतर्फ घुडदोडका बडा वसी मैदान जिसमे घुडदोड हुवा करती है काविल देखनेके है, महलात निझाम सरकार आलीके कीमती और खूबसुरत बने हुवेहै, हैदरावादके राज्यमें सवतरहके अनाज-नील-उख-और कपास Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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