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________________ बयान-भुसावल-बुर्हानपुर-और-खंडवा. ( ३१५ ) पुरसे (२४४) मील पश्चिमकी रुखपर भुसावल रैलवेका एक जंकशन है, सन (१.८९१) की मर्दुम शुमारीके वख्त भुसावलकी मर्दुमशुमारी (१३१६९) मनुष्योंकीथी, मुतस्सिल टेशनके एक धर्मशाला बनी हुई है यात्री उसमें जाकर ठहरे, कोइ सुमानियत नही, बाजार भुसावलका अछा है और हरेककिसमकी चीजे यहां मिल सकती है, असावलसे (२७६) मील दखन पश्चिमकी तर्फ बंबइ-और -(३४०) मील पूर्वोत्तर जबलपुर है, भुसावल देशन बडा है और कइ-कल-कारखाने यहांपर बने हुवे है,___ भुसावलसे रैलमें सवार होकर-दसरखेडा-सावदा-नींभोरारावेर-और-वाघोडा होते हुवे बुहानपुर टेशन जाना, रैलकिराया नवआने लगते है, टेशनसे (३) मीलके फासलेपर वुहानपुर-एकपुरानाशहर है, सडक पकी बनी हुइ और जाने आनेके लिये सवारी टेशनपर तयार मिलती है, यात्रीकी मरजी हो शहरमें जाय और जैन मंदिरोकी जियारत करे, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीके वख्त बुर्हानपुरकी मर्दुमशुमारी (३२२५२) मनुष्योकीथी. बाजार यहांका उमदा-और-हरेक किसमकी चीजें यहां मिलसकती है, बुर्हानपुरसे रैलमें सवार होकर--चुलखान-चांदनी-मांडवा-डों. गरगांव-और-बागमारटेशन होते खंडवा जंकशनपर उतरना, बुनिपुरसे खंडवेतकका रैलकिराया दशआने लगते है, मध्य प्रदेश में -खंडवा-एकपुराना शहर है, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीमें खं. डवेकी मर्दुमशुमारी (१५५८९) मनुष्योंकीथी, करीब टेशनके धर्मशाला बनी हुइ है यात्री उसमें कयाम करे और मरजी हो-तो-शहर देखे, बाजार उमदा और हरेकचीज यहांपर मिलसकती है, जैनश्वेतांवर श्रावकोकी आवादी यहांपर मौजूदहे, खंडवेसे रैलमे सवार होकर-अजंटी-अटार-निमारखेडी-सनावद-मोरटाका-बर Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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