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________________ बयान-आकोला-और-बालापुर. ( ३११ ) पुर-कोटेपुरना--बोरगांव--और--यावलखेड टेशनहोते आकोला टेशन उतरे,-नागपुरसे आकोलेतक रैलकिराया दोरुपये सातआने लगते है, ET (बयान आकोला-और-बालापुर,) मुल्केवराडमें जिले का सदरमुकाम आकोला एक रैलवेका टेश. नहै, सन ( १८९१ ) की मर्दुमशुमारीके वख्त आकोलेकी मर्दुमशुमारो ( २१४७० ) मनुष्योंकीथी. दरमियान शहर और पेंठके मोरना नामकी एकनही वहती है. और उसपर जानेआनेके लिये पुल बंधाहुवाहै, बाजारमें हर किसमकी चीजे मिलसकेगी. हफतेमें एक दफे बाजारभी भराकरताहै. जैनश्वेतांवर श्रावकोंकी आबादी और मंदिर ताजना ठमें मौजुदहे, यात्री वहांजाकर मंदिरकी जियारत करे, सरकारी कचहरियां टाउनहोल-और-खेराती अस्पताल वगेरा मकानात वनेहुवे है, आकोलेसे तीर्थ अंतरिक्षनी जानेवाले यात्री बजरीये बेलगाडीके जासकतेहै, जो करीव (२२) कोसके फासलेपर वाकेहै, रास्ते सडकपकी बनीहुइ पांच रोजमें तीर्थकी जिया रतकरके वापिस आसकोगे.____ अगर कोई यात्री आकोलेसे आगे-डाबकीटेशन होते-पारस टेशन उतरकर वालापुरसे तीर्थ अंतरिक्षनीको जाना चाहे-तोभीजासकते है, पारस टेशनसे करीव (३) कोशके फासलेपर बालापुर एकपुराना शहरहै, दरमियान-पारस-और-बालापुरके पकी सडक बनी हुइ-और-दो-नदीये रास्तेमें आती है, सन (१८९१) की मदुमशुमारीके वरुत-बालापुरकी मर्दुमशुभारी (१०२५०) मनुष्योंकीथी, तिजारत रुकी यहां अछी होती है, और शनिवारके रौज बाजारभी जमा होता है, हरकिसमकी चीजें उसरोज मिल सकेगी, Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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