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________________ ( ३१० ) बयान- शहर - उमरावती. -- कलकत्तेकोभी गइ है, नागपुरकी उत्तरी सरहदपर - और -दखनपश्चिमकी रुखपरभी पहाडोका सिलसिला जारी है, एक सिलसिला उत्तरसे दखनकोंभी चलगया, ये - तीनो - सिलसिले सतपुडे पहाडके हिस्से कहलाते है, यात्री नागपूरके जैनमंदिरोकी जियारत करके आगेको रैलमें सवार होकर - खपरी - बोरी - बोरखेडी - सिंदी -- तुलजापुरऔर- पौनार टेशन होते - वरधा टेशन जाय, नागपुरसे (४९) मील पश्चिम मील दखनकी रुखपर जिलेका सदरमुकाम वरथा एक छोटासा कस्बा है, इसकी आबादी अंदाज (६) हजार मनुष्योंकी होगी, रुड़की तिजारत यहां कसरतसे हुवाकरती है, कस्बेकी पूर्वरूखपर सरकारीकचहरियां - और - पब्लिकबाग बनाहुवा है, जैन श्वेतांबर श्रावकोंकी आबादी और मंदिरभी यहांपर तामीरहै, यात्री दर्शनकरे, वरधेसें रैलमें सवार होकर - दहेगांव - पुलगांव - तालनी - धामनगांव- दिपोरचांदुर - मालखेड - और - अंजनगांव होते बडनेरा जंकशन जाय, (दरबयान- शहर - उमरावती ) बडनेरासे उत्तरतर्फ ( ६ ) मीलके फासले पर जो एक रैलवे लाइन गइहै उसजगह शहर उमरावती वाके है, सन (१८९१ ) की मर्दुमशुमारीके वख्त उमरावतीकी मर्दुमशुमारी मय फौजी छावनी के ( ३३६५५ ) मनुष्योंकीथी, जैन श्वेतांवर श्रावकोकी आबादी और मंदीर यहांपर बना हुवा है. यात्री शहरमें जाकर दर्शनकरे, उमरावती एक पुराना शहर है, और इसके दो हिस्से - मशहूर है, एक कस्बा - दुसरा पेंठ - बाजार गुलजार और जिसचीजकी दरकार हो यहांमिलसकेगी, रुड़की तिजारत यहां ज्यादह होती है. अतराफ शहरके मजबूत पथरोकी दिवारबनी हुइ - जिसमें - ( ५ ) फाटक - और ( ४ ) खीडकीयें लगी हुई है. - यात्री - उमरावतीसे वापिस बडनेरा जंकशन आत्रे, और बडनेरासे - तकली - कुरम - मान - मूचिंजा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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