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दरबयान-शहर-नागपुर. (३०९ ) इरादा हो-तो-वहां उतरना, वरना ! आगेको बढना, सन (१८९१) की मर्दुमशुमारीके वख्त कामठीकी मर्दुमशुमारी मयफौजी छावनीके (४३१५९) मनुष्योंकीथी, जैनश्वेतांबर श्रावकोकी आबादी और मंदिर यहां मौजूद है, सडके लंबी चोडी-बाजार उमदा-और-जो -चीज दरकारहो बखूबी मिलसकती है, कामठीसें रैलमें सवार होकर-मेंदीबाग-होते नागपुर टेशन उतरना, रायपुरसे नागपुरतक रैल किराया एक रुपया पनराआने लगते है,
ॐ दरबयान-शहर-नागपुर,-] अक्लीमें हिंदमें मध्यप्रदेशका सिरोताज नागपुर-एक उमदा शहरहै. करीब इसके नागनामकी एकनदी बहती है जिसकी वजहसे शहरका नाम-नागपुर-कहलाया, सन ( १८९१ ) की मर्दुमशुमारीके वख्त नागपुरकी मर्दुमशुमारी मय फौजी छावनीके ( ११७०१४) मनुष्योंकीथी, इतवार पेठमें जैनश्वेतांबर श्रावकोंकी आवादी और मंदिर वनेहुव है, करीव टेशनके धर्मशालाभी तामीरहै यात्री उसमें कयामकरे, और शहरमें जाकर मंदिरोकी जियारतकरे, वाजार लंबाचोडे-और-हरकिसमकी चीजे यहांपर मिलसकेगी, पानीका नल-हरजगह-जारी, और रातकों सडकोंपर लालटेनोकी रौशनी हुवाकरती है, इक्का-बगी-हरजगह तयारमिलेगी, बागबगीचोमें महाराजबाग एक काबिल देखनेके है, जिसमें कइत रहके जानवर चुनाचे-बाघ-भालु-वंदर-हिरन-और-कइ किसमके परी देभी रखेहुवे है, कचहरियां-स्कुल-और-कइ कल कारखाने यहां मौजूदहै, नागपुरकी-नरंगी निहायत मीठी-रंगदार-खुशनुमा होती है और कइमुल्कोमें भेजी जाती है. अनाज और कपडेकी सोदागिरी ज्यादह-नागपुरी धोतीजोडे मुल्कोंमें मशहूरहै. नागपुरसे एक-पैदलसडक-जबलपुरकों और एक संभलपुर मेदनीपुर होतीहुइ
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