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________________ तवारिख-तीर्थ-समेतशिखर. (२८५ ) ___ तीसरीटौंक तीर्थंकरअरनाथस्वामीकी इसमें तीर्थंकरअरनाथ महाराजके चरन तख्तनशीनहै, और उपसर वही संवत् (१८२५) माघसुदी तीज गुरुवारके रौज बिरानीगौत्रके शाहखुशालचंदजीने इनकों तामीरकरवाये लिखाहै, छत्रीकी मरम्मत संवत् (१९३१) में हुइ. चौथीटोक तीर्थकर मल्लिनाथस्वामीकी-इसमें तीर्थंकरमल्लिनाथमहाराजके चरन तख्तनशीनहै. और उसपर वही संवत् (१८२५) मे-बिरानीगोत्रके खुशालचंदजीने इनकों तामीर करवाये लिखाहै.पांचमीटोंक तीर्थकरश्रेयांसनाथजीकी-इसमें तीर्थकर श्रेयांसनाथजीके चरन तख्तनशीनहै, और उसपर वही लेखहै जो उपरकी चारटोंकोंमे लिखचुके,__ छठीटोंक तीर्थंकरसुविधिनाथजीकी-इसमें तीर्थकरमुविधिना. थजीके चरन तख्तनशीनहै, और उसपर वही लेखहै जो उपरकी पांचटोंकोंमे-लिखचुके. छत्रीकी मरम्मत दोवारा किइगइ, और उसपरलिखाहैकि-शेठ-उमाभाइ--हठीसिंह-साकीन--अहमदाबादने इसकी मरम्मतकरवाई.___ सातवीटोंक तीर्थकरपद्मप्रभस्वामीकी-इसमें तीर्थंकरपद्मप्रभुके चरन तख्तनशीनहै, इसकी मरम्मतभी दोवाराहुइहै. और उसपर लिखाहै-संवत् (१९४९) माघशुक्ल (१०) शुक्रवासरेसमेतशिखर पर्वतेपद्मप्रभजिनचरणपादुफा-स्थापिताप्रतिष्टिताच-भट्टारकशीविजयराजसूरिभिः तपागछे, आठवीटोंक तीर्थकरमुनिसुव्रतस्वामीकी-इसमें तीर्थकर मुनिसुव्रतस्वामीके चरन तख्तनशीनहै, और उसपर लिखाहैकि-संवत् Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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