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________________ animun.mmmmmmarwar तवारिख-तीर्थ-सिंहपुरी-और-चंद्रावती. ( २२९ ) हरकोइ मुसाफिर वहांजाकर ठहरसकताहै, कंपनीबाग बनारसमें नामीयामी है, और वहाखोरीकेलिये इसमें जानेकों कोइ रोकटोक नही, गंगानदीका पुल-लोहेके बडेबडे खंभेपर पुख्ता बनाहुवाहै, वनारससे तीनकोशके फासलेपर वौधलोगोका एकस्थूभ-जिनकों वे अपना पूज्यस्थान मानते है बनाहै, जोकि-अंदाज (९०) फुट ऊचा-और ( ३००) फुटके घेरेमें होगा, इस गुंबजके पास थोडीदुरपर बौधमजहबकी मूर्तिये निकली है जिनमें कइबेठीमुरतमें और कइखडी मुरतमेहै, (तवारिख-तीर्थ-सिंहपुरी,) तीर्थ बनारसकी जियारत करके यात्री सिंहपुरीकों जावे जोकि तीर्थकर श्रेयांसनाथ महाराजकी जन्मभूमि है. बनारस केन्टोन्मेंटटेशनसे छोटीलाइनपर अलाइपुर टेशनसें रैलमें सवार होकर सारनाथ टेशनपर उतरे, सारनाथ टेशनसे सिंहपुरी ( १) मीलके फासलेपरहै, सवारी नहीमिलेगी पैदल जानाहोगा, बनारससे अगर इक्का-बगीके जरीये सिंहपुरी जानाचाहो-तोभी जासकतेहो, करीब (१) घंटेका रास्ताहै, सिंहपुरीकी जगह आजकल हिरावनपुर गांव आबादहै, ग्यारहमें तीर्थकर श्रेयांसनाथ महाराज इसी सिंह पुरी में पैदाहुवे, चवन-जन्म-दीक्षा-और-केवलज्ञान-ये-चार कल्याणक उनके यहांहुवे, विश्नुरानीकी कुखसें श्रवणनक्षेत्रके रौज उनका यहां जन्महुवा, बहुतअर्सेतक उनाने सिंहपुरीके तख्तपर अमलदारीकिइ. दीक्षा लेनेके पेस्तर यहां एकसालतक उनोने दान दिया,-फाल्गुन वदी ( १३ ) के रौज दुनियाके एशआराम छोड कर उनोने यहां दीक्षा इख्तियारकिइ, और माघवदी ( ३) के रोज उनकों यहां केवलज्ञान पैदाहुवा,-सिंहपुरी पेस्तर बडेबडे दौलत मंद लोगोकी आबादीसे सरगर्मथी, जहां रवन्नक अफजुथी Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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