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वीचवयान-भद्रेश्वर-और-घृतकलोल.
एकयहां बहुतबडीबनीहै यात्री इसमें कयामकरे औरतीर्थकीजियारतब - खुबी हासिलकरे, मंदिरवेशकीमती तामीरकिया हुवा - औरइसमें तीर्थंकरपार्श्वनाथमहाराजकी मूर्त्तितख्तनशीन है, हरसालका तिकसुदीपुनमकेरौज यात्रीयोकायहां मेलाभरता है खानपानकीची जेंजोचाहिये यहांमीलसकेगी. सुथरी सेंरवानाहोकर जिसरास्ते गयेथे बैलगाडीमांडवी आना. मांडवीसेंउसी रास्ते फिर भद्रेश्वरऔर भद्रेश्वरसेंअं - जारटेशन आना, जोकरीब ( ४ ) कोशकेफासलेपर है, कस्वाअंजार गुलजार और यहांपरहरचीज व आसानी दस्तयाबहोती है, सन (१८९१ ) की मर्दुमशुमारीकेवख्त अंजारकी मर्दुमशुमारी (१४४३३) मनुष्योंकीथी, अंजारसें रैलमेंसवारहोकर तुणावंदरकोआना, मुल्क कछकीसफर यहांखतमहोती है, इसमेंभद्रेश्वर और घृत कल्लोलयही (२) बडेजैन तीर्थ है, जिनकावयान उपरवतलाचुके, -
मुल्ककछ ( ८ ) कस्बे और ( ८८९) गांवआवाद है, जवान कछी - और -कुछलोग उर्दूभीवोलते है, कछकेराजासाहवक्षत्रीय खानदानके और उनका तख्तभुजशहर है, कछमेको इकदीमीनदीनही. अय्यामवारीशमें जवछोटे छोटेना लेवहते है उनही कोंनदीयांसमझलिजिये अनाजकी तिजारतयहां ज्यादहहोती है, मकान पुख्ता औरउमदाकारिगिरी केवनेदुबे, कछकामैदानमुल्कोंमें मशहुर - जिसके दो - हिस्सेकायमहै, अवलहिस्सा ( ७०० ) वर्गमीलका और दूसरा ( २०० ) काहै, कछइलाका के मशहुरशहर मांडवी - भुज- मुद्रा - और -अंजार है. सुथरी - कोठारा- नलिया - तेरा - जखौ - और कोडाय- ये भी अछेकस्वे है, और इन सबमें - जैन श्वेतांबर मंदिर - और - हर जगह श्रावकों की आवादी है, जीवोंकीजिबेकारी कछमै बहुत कम - और - लोग मिलनसार है, तुणावंदरसेंष्टीमर में बेठकर यात्रीवापिस जामनगरआवे, औरजामनगरसें रैलमें सवार होकर - अलियावाडा-वणाथली-हडमतीयापडधरी - राजकोट - खोराना -सिधावघर-- वांकानेर -- थान -- रामप
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