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________________ बीचबयान-भद्रेश्वर-और-घृतकलोल. (९५) फासलेपरहै. रास्ता बैलगाडीका और किराया अंदाज तीन रूपये लगेगे. मांडवीबंदर कछके दखनकनारेएक बडाशहरहै, सन (१८९१) की-मर्दुमशुमारिकेवख्त-मांडवीकी मर्दुमशुमारी ( ३८१५५ ) मनुष्योंकीथी. मुल्ककछमें शिवायमांडवीके दूसराकोइ बडाशहरनही. महाराजकछकी अमलदारीकातख्त-बेशक ! भुजशहरहै, मगरआवादीमेंशहरमांडवी बडाहै, भुजशहरकीआवादी (२५४२१) मनुप्योंकी-औरमांडवीकी ऊपरबतलाचुकेहै देखलो ! ज्यादहहै. अतराफशहरमांडवीके पकीदिवारवनीहुइ औरबहारशहरके दो-सरायएकपुरानी औरएकनयी मौजूदहै जिनमेंमुसाफिरलोग ठहराकरतेहै. मगरजैनयात्रीको शहरमें जानामुफीदहोगा-जामनगरसे कइजहाज कछकीखाडीकेरास्ते मांडवीकों आतेजातेहै, हरसप्ताहमें जोएकष्टीमर शहरवंबइसे खुलकरकरांचीकों जातीहै वेरावल-पोरबंदरद्वारिका-और-मांडवीबंदरहोतीहुइजातीहै, और करांचीसेखुलकर जोष्टीमरबंबइकों रवानाहोतीहै-चोभी-मांडवीबंदर-द्वारिका-पौरबंदर-औरवेरावलहोतीहुइ जातीहै, मांडवीबंदरकेपास एकलाइटहाउस-( यानी) रौशनीघर बनाहुवाहै, रातकोंइसीके जरीये जहाजवाले अपनाकामलेतेहै, मांडवी जैनश्वेतांबरमंदिर (६)-और कइजैनश्वेतांबरश्रावकोंके घरआवादहै, यात्रीशहरमेंजाकर जैनमंदिरोकेदर्शन करे, मांडवीसेरवानाहोकर आगेसुथरीकस्बेकोंजाय, जो (११) को शके फासलेपर वाकेहै,-किरायाबैलगाडीका करीव (३) रुपयेलगेगें, सुथरीकस्वाबडाहै औरयहांपर घृतकल्लोलपार्श्वनाथजीका पुरानातीर्थ है. जैनश्वेतांबरश्रावकोकेयरकरीव (२२५) औरधर्मशाला Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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