SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 212
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ९४ ) बीचबयान-भद्रेश्वर-और-घृतकल्लोल. घरअंदाज (१५०० ) केहै, जैनश्वेतांबरमुनियोंको ठहरनेके आठ नवमकान-बगीचादादाजीका-और-वंडा-अजरामरहरजीका-बडीलागतकाबनाहुवा-यात्रीइसमें कयामकरेऔर बखूबीजैनमंदिरोंके दर्शनकरे, जिलेजामनगरमें मारबलपथ्थर-तांबा-लोहा-रूइ-औरअनाजज्यादहहोताहै. पहाडीयोंमें पेस्तरशैरभी रहाकरतेथे, चीते औरतेंदुएअबभी पायेजातेहै, जामनगरके राजवंशीजाडेजा राजपुतोंमेंसेंहै, जामनगरकीउत्तरतर्फ कछकारण-और-समुंदरकीरखाडीपूरवमेंमोरबी-राजकोट-औरगोंडलराज्य-दखनमेंसौराष्ट्र विभाग और-पश्चिममेंऊखमंडल-मौजूदहै, यात्रीजामनगरसे रवानाहोकर मुल्ककछकोंजाय, अवल बेंडीबंदर जोकरीब (२॥) कोशकेफासलेपरहै इक्कमेंसवारहोकरजावे, बेडीवंदरसे आगेष्टीमरमें सवारहोकरदरियाइरास्ते-तुणावंदर-ऊतरे, रास्ताकरीव तीनघंटेका-और -किरायासीर्फ ! आठआनेफी-आदमीलगेगा, तुणावंदरसेआगे खुश्कीरास्ते-बैलगाडीमें-सवारहोकरतीर्थभद्रेश्वरजाय, ve [ बीचबयान भद्रेश्वर और घृतकल्लोल. . मुल्ककछमें भद्रेश्वरतीर्थ निहायतपुरानाहै, गांवभद्रेश्वरबहुत बडानहीलेकीन ! तीर्थकीवजहसे मशहूरहै,-धर्मशालायहांपर बनीहुहुइहैयात्रीइसमें कयामकरेऔर तीर्थकीजियारत हासिलकरे, मंदिर शिखरबंद बावनजिनालयका-बडाआलिशान-बनाहुवाऔर इसमें तीर्थकरमहावीरस्वामीकी मूर्तितख्तनशीनहै, सालमेंदोदके यात्रीयोंकायहां मेलाभरताहै और ऊनदिनोंमेंबडी रवन्नकरहतीहै, कारखानातीर्थ भद्रेश्वरका वर्द्धमानकल्याणजीके नामसेजारीहै जोकुछरकमतीर्थ भद्रेश्वरके खजानेमेंदेनाहो-यात्री-यहांपरदेवे, औरभद्रे. श्वरसेरखानाहोकर शहरमांडवी बंदरकोंजाय, जो-करीब (१३) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy