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वयान-राजकोट-और-जामनगर. ( ९३ ) ठियावाडमें एकगुलजारवस्तीहै, सन ( १८९१ ) की मर्दुमशुमारिकेवख्त राजकोटकी मर्दुमशुमारी ( २९२४७ ) मनुष्योंकीथी. महाराजराजकोट जाडेजाराजपुत कहलातेहै राजकोटराजकी जमीन कहींचीकहीं नीचीऔर पथरीलीहै, औरअनाज-रूइ-इख ज्यादह पैदाहोतेहै, हाइस्कुल सन ( १८७५ ) इस्वीमें ( ७०००० ) रूपयोके खर्चसे तयारहुवा औरखुला. राजकुमार कालेजसन (१८७०) इस्वीमें तामीरहुवा औरखुला. राजकोटमें जैनश्वेतांबरमंदिर-और श्रावकोंकेघर आवादहै, जिलाकाठियावाड ( २२० ) मीललंबा और ( १६५ ) मीलचोडा-इसमेंमशहूर शहरभावनगर-जामनगरजुनागढ-राजकोट-गोंडल-मोरबी-बांकानेर-पोरबंदर-वढवांणलींमडी-और-पालितानाहै. रूइऔर अनाजकीतिजारत इसजीलेमें ज्यादहहोतीहै औरजवानअकसर गुजराती बोलीजातीहै, खास ! पोलीटीकल एजंट-मुकामराजकोटमें रहतेहै, जिलेकाठियावाडमें शचुंजय-गिरनार-मशहूरजैनतीर्थहै, यात्रीराजकोटसे रैलमेंसवारहोकर पडधरी-हडमतीया-वणथली-और-अलियावाडा टेशनहोतेजामनगजाय, रैलकिराया बाराआने लगतेहै.
राजकोटसें (५१) मील पश्चिमका जामनगर एकमशहूरव-मारूफशहरहै, और इसकादूसरानाम नयानगरभी बोलतेहै, सन (१५४०) इस्वीमें जामरावलजीनेइसकों आवादकिया, जामनगरकी मर्दुमशुमारी ( ४८५३० ) मनुष्योंकी, राजमहल बडेउमदा -और-शहरदिनपरदिनतरकीपरहै, अतराफशहरके पकाकोटघिराहुवा-इमारतें मजबुतपथरोंकी-शिवायजामनगरके दुसराकोइउमदा शहरहालारप्रांतमें नहीं, कारचोबीकाकाम--कमख्वाब-रेशम-दुपट्टे शैले-तिलककरनेका कुंकुम-मोतीका सूरमा-औरइतरयहां उमदाबनतेहै, जैनश्वेतांबरमंदिर जामनगरमें (९) औरश्वेतांवरश्रावकाके
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