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( ८६ ) तवारिख-तीर्थ-गिरनार. तरहतरहकेचित्र जो अव्वलके कारीगिरीने अपनी चतराइसें कियेथे वैसेचित्रऔर नरूसकारीकाकाम. अबकहां है, किसकदर खुशनसीब
औरइकबालमंदोने यहांपर अपनीदौलत सकिइथी जिसकीवरावरी करना आजकलनहीहोसकता, खुशनसीब औरधर्मपावंद होतोऐसेहो अबभीमंदिरोंपरऔरदिवारोंमें जोजोकारिगिरी औरनक्षकारीकामहैअगरकोइखुशनसीब उसपरकोशिशकरे. औरमरम्मतकरावे क्याहीउ मदाबातहो! नयामंदिरबनानेसें पुरानेमंदिरोकी मरम्मतकराना जादह फायदेमंदहै, तीर्थकरनेमनाथजीकी टोंक-और-मेकरवशीकेबीच जोबडे बडेहर्कोके शिलालेख हैबेशक : इसवख्त उनपर लकडेकेढकनबनेहुवे है मगरघुप औरबारीशमें औरभीज्यादहहिफाजत होनाजरुरी है पुरानीची जोंकोंबरबाद-न-होनेदेना इसीकानामतीर्थकीसेवाहै. संवत् (१९३२) केअर्सेमेंगिरनारपहाडपर कइमंदिरोंकीमरम्मतकिइगइ. नेमनाथमहाराजमंदिरकी चोतर्फ-जो-किला-और परकम्माहैउसकीमरम्मतहुइ, मंदिरअदभुदजीका-पंचमेरुका-और-मेकरवशीका-मय परकम्माके जीर्णोद्धारकरायागया, मंदिरसंग्रामसोनीका-और उसकाचौक मरम्मतकियागया. मंदिरजोकि-ज्ञानवावडीके-ननदीकहै किलाउसका नयातामीरकरायागया मंदिरछत्रपतिमहाराजा--संपतिकाभी उसी अर्सेमेंमरम्मतकियागया. औरउसमेंनयेपथ्थरोका चौकनयावनवाया गया, करीब (३०) वर्षहुवेइसीचौकमेंसे (७१) मूर्ते-और-धातुका परिकरनिकलाथा. मंदिरवस्तुपाल-तेजपालकी चारोंतफनयाकिला धनवाया. औरचौकमेंनयेपथ्थरोंका फर्सलगाया. मंदिरसंभवनाथजीका-और-पानीकाकुंड उसीअर्सेमेंमरम्मतकरायागया. औरचारों तर्फनयाकिलातामीरकिया, राजुलगुफा-और-रथनेमिनीका-मंदिर जिर्णोद्धारकरवायागया. औरअवलदरवजेपर नयाबंगलाबना. यह सबकाम-शेठ-नरसिंह-केशवजीकीतर्फसें ( ४५००० ) हजाररुपयोंकेखर्चसेतामीरहुवाहै.
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