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________________ ( ६४ ) तवारिख - तीर्थ - शत्रुंजय. Azzz2८८२९५ रामपोलदरवजेके आगे दो - छोटे छोटेबगीचे - निहायत खूबसुरत तरवा - ताजेमिलेगे. इनकेफुलहमेशांदेवकों पूजनमें चढाये जाते है, मोतीशाह शेकटककारास्ताभी इधरकीतर्फसें है लेकीन ! अवलविमलवशीटोंaniजाकरवापिस आतेवख्तइसटोंककेदर्शनकरनाचाहिये. जबयात्री रामपोलदरवजेतकपहुचे म्याने- डोलीवाले यहांहीउहरजायगें. और यात्रीकों आगे पैदलजाना होगा. इसके आगे रिषभदेव भगवानकी टोंकका दूसरादरवजामिलेगा, इसमें होते हुवे जब आगे चलोगे तीसरादरवजा वाघनपोलकामिलेगा, जमानेपे स्तरके एक नहारनीयहां आनकर रहीथी, औरव - दौलततीर्थ के धर्मकीपायबंदहोकर उमदागतिकगड़थी, इससबब सदरबजेकानाम वाघनपोल मशहुरहुवा. वाघनकीएक मूर्तिकरिब दरवाजेकेबनी हुई है, आगेवानपोलदरवजेके तीर्थंकरशांतिनाथजीका निहायत उमदामंदिर शेठहीराचंदरायकरनसाकीनदमनकातामीर करवाया हुवा संवत् (१८६० ) काप्रतिष्टितकावीलेदीद मिलेगा, करीबइस मंदिर के एकमंदिर देवीचक्रेश्वरीका जोकि - संवत् ( १९७८) शेठ - करमाशा हनेतीर्थशत्रुंजयके उद्धारमैतामीरकरवाया था निहायत उमदावना है. मूर्त्तिचक्रेश्वरीदेवी की लाइकदीद औरदिदारकी है, देवीक्या है ! गोया !! आइनेमददगारशाथी है, आगेइसके एक मंदिर तीर्थकरनेमनाथजीका इसमें तीर्थकरनेमनाथजी की चवरीसमवसरणकाअकस - और - चौमुखाजी की मूर्ति तख्तनशीन है. आगे इसके मंदिर जगतशेठकातामीरकरवाया हुवा बहुतखुशनुमा और लाइकतारीफकेदेखोगे, जबहाथीपोलके दरवाजे पर पहुंचोगे दो -- बडे बडेहाथी दिवारपरबनेहुवे नजर में आयेंगें, गोया ! येअसली हाथी यहां आनकरखडे है, पेस्तरकेजमाने में दरवजेमंदिर के हाथी बनाने की रसम जारीथी. आजयहरसम कमहोतीजाती है. छत्रपतिराजाकुमारपालका तामीरकरायाहुवा बडाआलिशान मंदिर सी हाथीपोलके सामनेखडा है. सुरजकुंडका रास्ताभी इसहा Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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