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________________ बीचवयान-वीरमगांव-वढवान-और-लींमडी. ( ५१ ) धर्मशालामौजूदहै, इसमेंमुसाफिरलोग व-खुबी कयामकरे, कोइमना नही, वीरमगांवकी चारोतर्फपुख्ताकोट-कपडेबनानेकीमील-अस्पताल-स्कुल-और-कचहरीवगेरा वडीलागतकेमकानहै, बाजारमें जिसचीजकीदरकारहो मिलसकेगी, वीरगांवसें सांवलीरोड-लीलापुररोड-लखतरहोतेहुवे धढवानजंकशनजाना, रैलकिरायाआठआने, वीरमगांवसे (३९) मीलदखनऔर अहमदाबादसे (७९) मीलपश्चिमकों बढवानएकनामीशहरहै, छावनीऔर बीचशहरकेकरीब (४) मीलकाफासलाहोगा. जिलेकाठियावाडमें बढवानएकपुराना शहरहै, औरयहांसेकइ रैलवेलाइनगइहै, वढवानकी मर्दुमशुमारी (२४६०४ ) मनुष्योंकी-जिसमेंकरीव (२०००) दोहजार जैनश्धेतांवरश्रावक आवादहै, जैनश्वेतांबरमंदिर-औरयात्रीयोंकों ठहरनेके लिये धर्मशालायहांवनी इहै. वढवानकीचारोंतर्फ पथरकीदिवारदखनकीतर्फराज्यमहेल-और-रुइकीतिजारत यहांपरज्यादहहोती है, बाजारगुलजार औरजिसचीजकीदरकारहो यहांमिलसकेगी, सरकारीऔफिस-जैलखाना-अस्पताल-घडीकावुर्ज--धर्मशाला-औरस्कुलबडीलागतके मकानहै, वढवानराज्यमें (२०) स्कुले-औरउसमेंकरीव (१३००) लडकेइल्मपाते है, बढवानसें एकखुश्कीसडक राजकोटकोंगइहै; वढवानकेमहाराज-झालाराजपुतकहलाते है. और धर्मपरसावीतकदमहै, बढवानपमें एकजैनश्वेतांबरमंदिर औरधर्मशालावनीहुइहै, वढवानसेंआगे लींमडीकोजाना, रैलकिरायाचारआने, _धोलाजंकशनसे (५५) मीलउत्तर झालावाडमांतमें एकछोटी नदीकेउत्तरकनारे लींमडीकस्वा आबादहै, लींमडीकी मर्दुमशुमारी (१३४९७) मनुष्योंकी-जिसमेंकरीब (२०००) दोहजारजैनश्वे Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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