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(५०) दरवयान - खंभात-और-अहमदाबाद:
लाखरुपयेकी लागतका तामीर कराया गया, (१३०) फुटलंबा और (१००) फुट चौडा - चातर्फ छोटेछोटे ( ५२ ) मंदिर और उनमें मूर्तियें जायेनशीन है, तीर्थकरधर्मनाथजीकी मूर्ति - निहायत खूबसुरत और इसके ललाट और खंधोपरमयजवाहिरात - सोनेकेपते लगेहुवे है, शहरमें जैन मुनियों को ठहरनेकेलिये कइमकान कइजैन पुस्तकालय - और पाठशाला यहां परवनी हुई है, चांदीका -रथ- पालखी और-देवभूतियों के गहने - उमदा उमदा यहांवनायेजाते है, सल्मे- सीतारेके चंदोए - रुमाल - जैन मुनियो केलिये-काष्टकेपात्र - तर्पणी और रजोहरणवगेरा जोजो चीजें जैनों कों - वास्तेधर्मोपकरणके दरकार होती है यहांना जाती है, कइलेखकलोग यहाँजैन पुस्तक लिखते है. -छापखानेभयहां कहै और उनमें उमदाकिताब छपती है.
अहमदाबादका कमख्वाब - एक मशहूर चीज है, अहमदावादी कागज निहायत पुख्ता - और - मुल्कोमैनामी है, - अहमदावादकीदस्तकारी - जिसनेदेखी हजारहजारतारीफ किड, बडेबडे उमदा कारीगर यहां मौजूद है, जैनबोर्डिंग-श्राविकाशाला-और-जैन अस्पताल - यहां बने हुवे है, व्याकरण - काव्य- कोस- न्याय और अलंकारके पढेवे आला दर्जे के विद्वान - और - निमित्त ज्ञानी पंडित - यहां के मुल्कों में नामी है.
अहमदाबाद से रवाना होकर साबरमती - आमलीरोड - सानंदछारोडी - जाखवाडाहोतेहुवे - टेशनविरमगांव-जाना, रैलकिरायादस आने, अहमदाबाद (४०) मीठपश्चिमकों विरमगांव एक डाकस्वा है, मर्दुमशुमारीवीरमगांवकी ( २३२०९) मनुष्यों की और करीब (२०००) जैन श्वेतांवरलोग यहां पर आबाद है, जैनश्वेतांबर मंदिर और मुनिलोगो को ठहरने के लिये मकानवनेहुवे है, टेशनकेपास सरकारी
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