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दरबयान-खंभात-आर-अहमदाबाद. (४७) (२०००) की-और-कइबडेआलिशान जैनश्वेतांवरमंदिर बनेहुवे है, दर्शनकरकेदिलखुशहोगा. घडियालीपोलमें-श्रावकोंकीआबादी ज्यादह,-और--जैनश्वेतांवरमुनिजनोकेलिये मकानभीइसीमहोलेमें है, बडोदेसें अगरडभोइकस्बेको जानाहोतोब्रांचलाइनमें वहांजाना, करीब (१४) मीलकेफासलेपर दखनकीतर्फडभोइकस्वा आबादहै, सन (१८९१ ) कीमर्दुमशुमारीकेवख्त-डभोइकीमर्दुमशुमारी (१४५३०.) मनुष्योंकी-जिसमेंकरीव ( ५००) जैनलोगहै. जैनश्वेतांवरमंदिरऔर-जैन उपाश्रय-वगेरावनेहुवे है, डभोइकमंदिरोके दर्शनकरकेवापीस बडोदेआना, औरवडोदेसेरवाना होकरवाजुवावासद-नावली-आनंदजकशन-आगास-पेटलाद-नार-तारापुरऔर-सयामाहोनेरखंभातजाना, रैलकिरायानवआना नवपाइ,
बयान-शहर-खंभात.] बंबइहातेमें समुंदरकनारे खंभातशहरपुरानीवस्ती है, सन (१२०० ) केकरीवखंभातशहर अणहिल्लपुरपटनके महाराजोकेतामेथा. सन (१२०.७) इस्वीमुसलमानो नजब अणहिल्लपुरपाटनकों फतेहकियाखंभात उसवख्ततरकीपरथा, सन (१६१३) के असेमें जवहिंदमें अंग्रेजीकी तरक्की होनेलगी-उसवख्त-पोर्चुगाल-और-होलाइवालोंकीकोठी खंभातमेंबनी इथी, बादजबमुरतकी तरकीहुइखंभातकीनिजारत कमहोनेलगी, सन (१८९१ ) की-मर्दुमशुमारीकेवख्त खंभातीमर्दम शुमारी-(३१३९० ) मनुष्योंकीथी, जैन श्वेतांबरश्रावकोकी आवादीऔर कइबडेबडेजैनमंदिर यहांपरमौजूद है. जिसमेंस्थंभन-पार्श्वनाथजीका-मंदिरनामी है, मुनिजनो कोठहरनेकेलिये मकान-और-जैनपुस्तकालय यहांबहुतवडाहै जोकि राजाकुमारपालका कायमकियाहुवा-ताडपत्रपरलिखेहुवे जेनग्रंथइसमें
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