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(४६ ) बयान-शहर-बडोदा. रुअछ-शहरहै, कहांतकवयानकरे !!-जिनकेवडेभाग्यहो-इसतीर्थकी जियारतकरे. भरुअचसे-रवानाहोकर चमारगांव-पालेज-लकोदरा -मियागांव-काशीपुरा-इटोला-वरनामा-मकरपुरा-विश्वामित्रीहोते शहरवडोदेकों जाना, रेलकिराया नवआने.
के बयान-शहर-बडोदा.
बंबइसे (२४८ ) और-मुरतसे ( ८१) मीलउत्तरकोंबडोदा शहरएकउमदाजगहहै, सन (१८९१) इस्वीकी मर्दुमशुमारीकेवख्त फौजीछावनीकों मिलाकर बडोदेकी मर्दुमशुमारी ( ११६४२० ) मनुष्योंकीथी बडोदेराज्यमें (५११) स्कुल, वडोदेकेतख्तपर जमानेहालमे महाराज-सियाजीरावबहादूर-तख्तनशीनहै विद्या
और इल्मकीतरक्की-और-सबरिया-याचैनकररही है, बंबइ हातेमें चौथे नंबर शहर बडोदा-बडेबडे शरीफोंके–कमतीमकान बाजारबडागुलजार-जिसचीजकी दरकारहो-यहां मिलसकती है, इक्का-बगी-हरवख्तकिरायेपर तयारहै वेठकरजहां-जी-चाहेसैरकरआओ, रैलटेशनसे थोडीदूरपर (४००) फुटलंबी और (१२५ ) फुटचौडी-बडीकोलेजजिसमें-बी-ए-तकइल्मपढायाजाताहै बडीलागतकामकानहै, वडेवागमेंचीडियाखानाजिसमेंतरहतरहकेजानवररखेहुवे है. नजरबाग-एकगुलजारचमन जिसमें तरहतरहकीवनास्पति औरऐंडखडे है, एकमहेलमेंफर्समारबलपथरका-और-अजनवी-चीजेंरखीहुइ--देखकरदिलखुशहोगा, टेशनके पासदोधर्मशाला-वास्तेमुसाफिरोंके बनीहुइहैजिसमेंबडीधर्मशाला दिवानसाहबकी तामीरकरवाइहुइ निहायतपुख्ताहै, अजवा-झीलसें जलपानीकाशहरमें लायागयाहै, बडोदेमें- जैनोकीआवादीकरीब
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