________________
तवारिख-शहर-बंबइ. (२७ ) खाइदे-वहां उजाड होगा, और लोगोंकों घरछोडकरभागनापडेगा. जहांदेवमंदिर-या-राजाके चवरसें विनाअग्नि-आगके अंगारे झरनेलगे वहां दंगेफिसाद होकर कइतरहकी तकलीफें दरशहोगी जिसमुल्को सिताराधम्रकेतु दिखाइदे-निहायतबुराहै, उसमुल्ककेरहनेवालोंकों-हरसुरतसें तकलीफहोगी, ___ अछेलक्षणवाले--खूबसुरत-मर्द औरत-जरुरदौलतमंद होतेहै, दुनियामें रुप-एकतरहका-वशीकरन है, जिसनेपूर्वभवमें धर्मकिया है-जीवोंपर-रहमाकिइहै और देवगुरुधर्मकी खिदमतकिइहै-वह-रुपवानहोताहै, जोशग्श हिंमतबहादृरहो-जरुरखुशनसीबहोगा, अनुयोगद्वारमूत्रवृत्तिमें फरमानहै-"सर्वसत्वेप्रतिष्टितं"-जहांसत्वहै वहांसबकुछहै.
तवारिख शहर बंबइ. भारतमें इसवख्न जैनमजहबके (१०८) नीर्थ मशहर है, इनसबकी तवारिख इसकितावमंदर्ज है, इसकी शुरुआतमें इरादाथाकिअयोध्या लिखनाशुरुकर, अयोध्या-जमानेतीर्थकर रिषभदेवके आवादहुइ और इसीसवबसे पुरानी है, फिरऐसाभी इरादाहुवाकिउज्जेनकों-अवलग्ग्वे, क्योंकि--उजेनहिंदके मध्यम है, मगरवंबइ कलकत्ता इसवख्त तरक्कीकेअवलमौरचेपर खडे है, इसलिये बंबइसेही सफरकीशुरुआतरवीगइ, बंबइसेंचलकर मुल्कगुजरात-सौराए-कछ-मारवाड-सिंध-पंजाव-काश्मिर-अवध--बंगाल-आसाम उडीसा-सेंट्रलइंडिया-राजपुताना-मालवा-वराड--खानदेश-दखन मद्रास-लंका-मलबार-महीशूर-कर्णाटक-और-मुल्ककोंकनकी सफरकरके बंबइआजायगे. अलावा इसकेऔरभी जोजोतीर्थ जैसेकि अफगानीस्थान-टिवेट-नयपाल-भोटान-और-वर्मा वगेरामथे उ
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com