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(२४ ) बयान-शकुन-शास्त्रं. या-उसका खुद नजरआजाना उमदाहै, सफरकरनेवाला जब कदमउठावे और अवलकदमकों ठोकरलगे-अटकजाय-कपडा फसजाय-धजा उसकीगिरजाय-या-उसका चपरासी गिरपडेतो बुरा है, सफर अछी-न-होगी, लुला-लंगडा-काणा-या-अंधाशख्स सामने मिलजायतोभी बुराहै, लकडीका भारालेकर कठिहारा सामनेमिलजाय-दंगाकरतीहुइ विल्ली दिखाइदे--या--बदबूवालीचीज सामनेमिले-किसीसुरत अछा नहीं,
__कौलसे-राख-हडी-विष्टा-तेल-गुड-चमडा-च:--वालीया-फुटाहुवावर्तन-नमक-मुकाघास--छाछ-कपास--अनाजकेछीलके-केश-काले रंगकीचीज-लोहा-दृरुतकीछाल-दवा--अर्गलालोहेकीसांकल-खरल-अकालवृष्टि-और-अशुभवर्णगंधरसस्पर्शवालीचीज सफरकेवख्त सामने मिलना अछानही. कोइमर्द-या
औरत हाथमेंफललेकर सामनेआतेहो-तो-जानना सफरअछीहोगी, सारसका जोडला चाहेकिसीतर्फ दिखाइदे-या-दोनों एकशाथअवाजकरे सफरमें जरुरफायदा होगा, एकीलासारस दिखाइदेना अछानही, सफरकेवख्त छातालियेहुवे तंबोलखाताहुवा कोइशख्स सामनेमिले तो अछाहै, जानना सफरअछीहोगी, रोतेहुवेलोग मुर्दालेजाते सामने मिलनाबुराहै, सारंगीतबलेशाथ गातेहुवेमुर्देकेशाथ जारहे है औरसफरकेवख्त सामनेमिलजाय अछाहै. सफरकेवख्त पीछाडी-या-दाहनी तर्फकीहवाचलतीहो अछाहै, घरआतेवख्तभी ऐसाही समझना, सामनेकी-या-वायीतर्फकीहवा सफरकेवख्तठीकनही. सफरकेवख्त नोलिया सामनेमिलजाय-या-दिखाइदे-याउसकी अवाजसुनाइदे-तो-अछाहै. तीतर-या-मुर्गा-दाहनेहाथकों-या-सामनेमिलना उमदाहै, गधा बायेहाथकों भोंके तो अछाहै.
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