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________________ . . (२०) तालीम-धर्मशास्त्र. यहबातभी काबीलगौरकेहैकि-नोकरपूजारीयोंका तुमारेपरकुछहक नहीकि-जोरजूम करसके,-अगर कोई जोरजुर्म करेतो फौरन उसकों राज्यके जरीये शिक्षा दिलवाना.- तीर्थोकी देखरेख करनेवालोंकों-लाजिमहै जिसमजहबका जो तीर्थ-या-मंदिरहो-उसमें उसीमजहबकी मूर्ति रखनाचाहिये, जो तीर्थ-या-मंदिर जिसमजहबकाहै, खर्च-आमदनी-नौकर-चाकर और-खजाना उसीमजहबवालोंकेपास रहनाचाहिये, अगरकोइकहे हम उसमेंदर्शनोंकों आते है इससेहमाराभी उसमेंहकहै-तो-इससे उनका हकउसतीर्थ--या-मंदिरमें नहींहोशकता, जिसमजहबकाजो-तीर्थ-या-मंदिरहै उसके बहीखाते उसीमजहबवालोंके आयेहुवे रुपयेपैसे जमाहोना चाहीये. अगरकोइ दूसरेमजहबवालेआनकर उसमें रुपयेपैसेदेवे-तो-वे-रुपयेपैसे उसतीर्थ-या--- दीरकी आमदनीके खातेमेजमाकरना, मगर उनकेनामसे जमानही करना, मजहबीमामले ऐसहैकि-कभी-मुकदमेंचलनेपर-वे-लोग-ऐसाकहेगेंकि-देखो ! तुमारे वहीखातेमें हमारेमजहबवालोंके-नामसे-रुपयेपैसेजमाहै-या-नही, ? जो-तीर्थ-या-मंदिर जिसमजहबवालोंकाहै, उसके कारखानेपर उसीमजहबवाला शख्श अधिकारीरखनाचाहिये, गेरमजहबवाला रखागयाहोगा-तो-वह-कुछ-न-कुछअपनेमजहबका पक्षजरुरकरेगा और अखीरमें तुमकों कुछ नुकशान पहुचानेकी कोशिश करेगा, जो-तीर्थ-या-मंदिर जिसमजहबवालोंकाहै-उसतीर्थ-और-उसमंदिरमें-उसीमजहबको माननेवाला शख्श-पूजारी-रखनाचाहिये,-अगर-गेरमजहबको माननेवालारखोगे कुछ-न-कुछ-वह-अपनेमजहबका पक्षकरेगा.-श्वेतांबरमजहबके तीर्थ और मंदिरमें श्वेतांबरमजहब माननेवाला पूजारी रहनाचाहिये, दिगंबरमजहबके तीर्थ और मंदिरमें दिगंबरमजहब माननेवाला पूजारी रहना चाहिये,-- Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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