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(६) हिदायत-उल-आम. शाथरखकर हरवख्तदेखतेरहोगे तो हम उमेदकरते है कोइमुकामात तीर्थोंकाबाकी-न-रहेगा.
जहांतकवने सफरमें ज्यादहअसबाब शाथ मतरखो. ज्यादहअसबाब शाथरखनेसें रैलमें चढतीउतरतीवख्त निहायततकलीफ होगी. इसलिये जरुरीचीजेंही शाथमेरखो. रास्तेमें ऐसेगांवभी मिलेगे जहां खानपानकी चीज बिलकुल-न-मीलसकेगी, अगरमिलेगी तोभी तबीयतसे मुखालिफ ! इसलिये रसोइ बनानेके हलकेहलके बर्तनभी शाथरखलो, भारी बर्तनोका बोझा कहांकहांउठाये फिरोगे? थाली-लोटा-गिलास-कटोरी-तवाह-कुछी-चमचा-चिमटा-कटोरदान-और-घीकेलिये सकडे मुंहका डिब्बा शाथलो ! ताकि-रास्तेमें -धी-गिरनेकी दिक्कत-नहो, हरजगहउमदा-धी-नहीमिलसकता, अगरपानखानेकी आदतहै-तो-पानदानभी शाथलेलो ! मुल्कपूरवके लोग पान जियादह खायाकरतेहै, गुजरातमे इसकारवाज कमहै, मगरजिनकों जिसबातकी आदतहै-कब-छोडसकतेहै, एकलालटेन -गोल-जरुरशाथरखलो-जो-बेलगाडीकीसफरमें-और-मकानमें रातकोजलानेकेलिये कामदेवे. ___ कागज-कल्म-दवात-कार्ड-लिफाफे-चीठीपत्रीकेलिये हरवख्तशाथरखो.-न-मालूम किसमौकेपरकाम-आवे, चक्कु-कतरनीऔर-एकताला इसलिये शाथरखोकि-जब-कहींठहरनापडे-तो-बहारजानेके वख्त मकानमें असबाब धरकर लगादियाजाय, पानी खंचनेकों डोरी खूब लंबी-और-मजबूत हलकेबजनकी पासरखो, बाजेबाजेकुवों में पानी बहुतनीचेरहताहै, पानीछाननेकेलिये छलनाभी शाथरखनाजरुरीहै, जोजोलोग जलछानकर नहीपीते उनकों तरहतरहकी बीमारी पैदाहोतीहै. जलमे बारीक जीवोकी हिंसाकाभी इससे बचावहोगा, रसोइमेभी जल छानकर लगानाचाहिये.
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