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________________ हिदायत-उल-आम. लवकी गरजीहै, धनदौलत एकरोज छोडजानाहै जितनाधर्मकरोगे तुमारेशाथचलेगा, धर्मात्मा-रहमदिल-और खुशमिजाज आदमी हजारोमें एकमिलेगा. थोडीमुसाफरीकेलियेभी कितनाबंदोबस्तकरतेहो. वडीमुसाफरीका अलवंदोबस्त नहीं किया इसकी क्यावजहहै ? बदौलतधर्मकी यहांचैनपाया. औरआइंदेभी इसीकी बदौलतपाओगे. दौलत बहुतमिली-औरमिलेगी लाखहांरुपये आयेगये लेकिन ! खजानेमें कुछ-न-रहा, इसकासौच मतकरो, जितनेरुपये तुमारेधर्ममें खर्चकियेगये उसीकोंउमदासमझो, अपनेघरकाभेद औरदिलकाइरादा किसीकेसामने बयानमतकरो, आजकल दुनिया में जूठ-और-फरेब ज्यादह चलपडा है, हिंदुस्थानमें इसवन्त अमलदारी अंग्रेजसरकारकी-और इसमें गुलजार रजवाडेकइहै. कइबहुतवडे औरकइ छोटेछोटेभी है, हैद्राबाद दखन-बडोदा-लशकर गवालियर-इंदोर-महीशूर-काश्मिर-कोलापुर-जोधपुर-विकानेर-जयपुर-उदयपुर--भोपाल-जामनगर-भरतपुर-भावनगर-पटियाला-झींद-नाभा--कपूरथला-वहावलपुर-फरीदकोट-शीरमौर-मलेरकोट-अलवर-रामपुर--जुनागढ वगेरा वगेरा, तुम कौनकौन मुल्ककी सफरकरना चाहतेहो ? रैल सवारीसे जाओगे-या-जहाजकेजरीये ? ब-जरीये रैलके जाना है तो-रास्तेमें कहांकहां रैलबदलेगी इसकीतलाश करलो, अगरअंग्रेजी इल्मजानतेहो-तो-टाइमटेबल किताब साथ रखलो, कौन कौनसी जगह जैनश्वेतांवरतीर्थ है-और-इसजमानेमें उनके क्याक्या नाम मशहूर है ? खानपानकी चीजें वहां मिलतीहै-या-नही. ? इनबातोंकी माहितीमिलालो, रास्तेका हाल मालूम-न-होनेपरकइतीर्थोकी जियारत रहनातीहै और घर आकर निहायतरंज उठानापडताहैकि -हमको फलाफलां तीर्थोकी जियारत-न हुइ, अगरइसकितावकों Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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