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________________ ( ४ ) हिदायत-उल-आम. (दोहा.) सेतसेत सबएकसे-जहां कपूर कपास. ऐसे देश कुदेशमें-कबहु-न-क्जेि वास, १, कोकिल बायस एकसम-पंडित मूरख एक, इंद्रायन दाडिम विषय-जहां-न-नेक विवेक. २, बासेये ऐसे देश नहि-कनक वृष्टि जो होय, रहिये तो दुख पाइये-प्राण दिाजेये खोय, ३, कइमुल्क ऐसेहै जहां बेशुमार पहाड और नदीयां है औरकइ ऐसेहै जहां पानीकेविदून लोगहमेशांतंगहै, कइमुल्कोंकेलोग अपनी औरतोंको पर्दानसीनरखते है, औरकइ सरेबाजार शाथलेकर फिरतेहै, जोशख्श जिसमुल्कमरहता हो उसको उसीमुल्कका खाज अछामालूमदेगा, चाहे कोई कैसाही उमदाखाना और पुशाकसामने लावे. मगर जोशख्श जिसमुल्ककाहै उसको अपनेही मुल्कका खानपान और पुशाकउमदा मालूमदेगा.-कइमुल्कोंमें मुन्नाजवाहिरातकी खाने मौजूदहै कइयोमे-ये-चीजे-ख्वावमेंभी नहीदिखपडती. इसीसेकहाजाताहै विनासफर मुल्कोंकीकिये कुछभी मालूम नहीहो शकता. किसी होशियार शेयरवनानेवालोंने लिखाहै-" सफर कुंजी दौलतका है,-" ___दुनिया में पैदाहोकर जितनावनपडे धर्मकरो, औरइसको अपनाअसली दोस्त समझो ख्वाबमेंभी इसको मतभूलो, आदमीका चौला बारबार नहीमिलता, जब तुमारे मकानपर खुशीके नकारे बजेगें सबलोग हाजिररहेगें, औरजव रंज-और दिलगिरी नियामत होगी, कोइपासतक-न-आयगा, इसीसे कहाजाताहै दुनिया मता Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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