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________________ हिदायत-उल-आम. सफरमें आटा-दाल-चावल - निमक- मीरच - चीनीवगेराभरनेके लिये कुछ थेलियां भी शाथरखलो ! बाजेवरूत कामदेगी, रास्ते में मसाला कुटना साफकरना मुश्किलहोगा, इसलिये कुट-छानकर तयारकरके पासरखलो. मौकेपर वडाकामदेगा. मुसाफरीमे कचापका खानाभी खाना पडता है, इसलिये कुछचूरन और दस्तावर दवाइये सायलेलो, सर्दहवामें स्नान करनेसे सही होने का भी खौफरहता है,. इसलिये कुछ चाय जायफल - जवत्री - लौंग - सोंठ - पीपल-बदामदालचीनी - बगेराचीजें पासरखो, जिससेसदी रफाहोकर तबीयत दुरुस्त हो सकेगी. मुइडोराभी बाजेबख्त कपडेंसीडनेकों साथलेलो. कमसेकम चारपांचजोडेकपडों के जरुरपासरखना चाहिये, क्योंकि-शिवाडेशहरों के कपडा धुलवानेका मौका नही मिल सकेगा, मैलेकपडेबालोंकी इज्जत नही होती. तुमने सुनाभी होगा कि - "एकनूर आदमी हजारनूर कपडा " - शतरंज - गालिचे - या - दरीवगेराचीजें मुताबिकसीत केजरूर शाथलेनाचाहिये. जबकहीं ठहरने का मौकाहो - तो - उसको जमीनपरवीछाकर उसके उपर असवावरखाजाय और चलो जब उसमें विस्तरबांधलियाजाय, ताकि - विस्तरमैला - न - हो. विस्तरबांधनेकीरसीभी भूलना नही चाहिये, इसकेविन सबकामरुक जायगा. दोतीन जोडेमृतीमौजो कभी जरुरशाथरखलो, याते पहाड चढते उतरते पहन लियेजाय. जिससे पांवजलेनही, और कंकरपथ्थभी पांचों चुभेनही, नंगे पांव चलने से तलवों में छालेपड जाते है, और मजमे गम पहुचती है, दूसरेरौज मारतकलीफ केकहोगे हमसें यात्रा - न - होगी, इसलिये अवलसे होशियार रहना चाहिये. ( ७ ) हरमर्दकों - दो-या- तीन घोती और दो- दुपटेपाक रखनाचाहिये जो देवदर्शन - या - पूजन केवख्त कामटे, औरतकेलियेभी दो- लेहंगे साफरखनाजरूरी है, पूजन केवख्त पहननेकों कामदेगें, और Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.034925
Book TitleKitab Jain Tirth Guide
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUnknown
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages552
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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