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१२२ विमानमा ( अग्गि ) के० अग्निदेवता वसे छे, [ तह चेव ] के० तेमज रिष्टाभ विमानमा (रिहा य) के०रिष्टाभ देवता वसे छे.॥२०९॥
हवे ते देवताओनो अनुक्रमे परिवार कहे छे. पढमजुअलंमि सतओ-सयाणि बीयंमि चउदह
सहस्सा ॥ तइए सत्त सहस्सा, नव चेव सयाणि सेसे ___ अर्थ-(पढमजुअलंमि के पहेला युगल ते सारस्वत तथा आदित्य देवताने ( सत्तओ सयाणि ) के० सात सो सात सो देवताना परिवार छे, अने (बीयंमि ) के० बीजा युगल ते वन्हि तथा वरुण देवताने ( चउदह सहस्सा ) के० चउद चउद हजार देवताना परिवार छे. तेमज ( तइए ) के० त्रीजा युगल ते गर्दतोय तथा तुषित देवताने ( सत्तसहस्सा) के० सात सात हजार देवताना परिवार छे, अने ( सेसेसु ) के० बाकीना देवताना (नव सयाणि) के० ना सो नत्र सो देवतानो परिवार (चेव ) के० निश्चे होय छे, ॥२१०॥ ए देवतानुं बीजुं भवनद्वार संपूर्ण थयु.
हवे त्रीजु देवताना शरीरनी अवगाहनानुं द्वार कहे छे. भवणवणजोइसोह-मोसाणे सत्त हत्थ तगुमागं ॥ दुदुदु चउक्क गेवि-ज्जणुत्तरे हाणि इक्विकं ॥ २११ ॥ ____ अर्थ-(भवणवणजोइसोहम्मीसाणे के भवनपति, व्यंतर, ज्योतषी तथा सौधर्म अने ईशान देवलोक त्यां सुधीना देवताओर्नु ( सत्त हत्थ तणुमाणं) के शरीर प्रमाण सात हाथर्नु उत्कृष्टथी जाणवू. त्यार पछी (दु) के० त्रीजो अने चोथो देवलोक, (दु)