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________________ ४२२ ज्ञानसार से श्रमित । मारे प्यास के गला सुख रहा है। भीषण आतप से अंग-प्रत्यंग झुलस रहा है ! आकुल-व्याकुल हो चारों ओर दृष्टि-पात करता है । नजर पहुँचे वहाँ तक न कोई पेड़ है, ना ही प्याऊ अथवा कुआँ मन्थर गति से आगे बढ़ता है। यकायक नदी दिखायी देती है। प्रवासी राहत की सांस लेता है। लेकिन नजदीक जाने पर वह भी सुखी नजर आती है। वह मन ही मन विचार करता है : "थक गया हूँ ! पानी का कहीं ठोर-ठिकाना नहीं । प्यास की वेदना सही नहीं जाती! यह नदी भी सुखी है। अगर गड्ढा खोदूं तो पानी मिल भी जाए, लेकिन थकावट के कारण इतनी शक्ति नहीं रही । साथ ही गड्डा खोदते हुए वस्त्र भी गन्दे हो जाएंगे... तब क्या करूँ ?" कुछ क्षण वह शून्यमनस्क खड़ा रहा । विचार-तरंगें फिर उठने लगीं । "भले थक गया हूँ, वस्त्र मलिन हो जाएंगे, लेकिन गड्ढ़ा खोदने के पश्चात् जब पानी मिलेगा तब मेरी प्यास बुझ जाएगी, राहत की सांस ले सकूँगा; शान्ति का अनुभव होगा और मलिन वस्त्र स्वच्छ भी कर सकुँगा; सहसा उसमें अदम्य उत्साह का संचार हुआ ! उसने गड्ढा खोदा ! थोड़ी-सी मेहनत से ठंडा पानी मिल गया ! जी भर कर पानी पिया, अंग-प्रत्यंग पर पानी छिडक कर राहत की साँस ली, दिल खोल कर नहाया और कपड़े धोये। ठीक वैसे ही जिनपूजा करते हुए स्वरुपहिंसा के कारण भले ही आत्मा तनिक मैली हो जाएँ । लेकिन जिनपूजा के कारण जब शुभ और शुद्ध अध्यवसाय का प्रगटीकरण होगा तब निःसन्देह आत्मा का सर्व मल धुल जाएगा ! भव-भ्रमण का सारा श्रम क्षणार्ध में शान्त हो जाएगा और परमानन्द की प्राप्ति होगी। गृहस्थ को यो ब्रह्मयज्ञ करना है, जबकि संसार-त्यागी अणगार को तो ज्ञान का ही ब्रह्मयज्ञ करना है ! उसके लिए जिनपूजा का द्रव्य-अनुष्ठान आवश्यक नहीं । भिन्नोद्देशेन विहितं कर्म कर्मक्षयाक्षमम् । क्लृप्तभिन्नाधिकार च पुरेष्टयादिवदिष्यताम् ॥२८॥५॥ अर्थ : भिन्न उद्देश्य को लेकर शास्त्र में उल्लेखित अनुष्ठान कर्म-क्षय करने में असमर्थ है । कल्पित है भिन्न अधिकार जिसका, ऐसा पुत्र प्राप्ति के लिये किया जाता यज्ञ वगैरह की तरह मानो । विवेचन : तुम्हारा उद्देश्य क्या स्पष्ट है ? तुम्हारा ध्येय निश्चित है ? तुम्हें
SR No.022297
Book TitleGyansara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptavijay
PublisherChintamani Parshwanath Jain Shwetambar Tirth
Publication Year2009
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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