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________________ परिग्रह- त्याग ३७३ अर्थ : जिसने पुत्र और पत्नी को त्याग दिया है और जो ममत्व रहित है और ज्ञान मात्र में ही आसक्त है, ऐसे योगी को पुद्गल को बन्धन कैसा ? विवेचन : अलख के गीत गाता... भौतिक सुखों से सर्वथा लापरवाह योगी भला, कभी किसी का बन्धन स्वीकार करता है ? वह तो निर्बंधन निर्मुक्त हो सदा-सर्वदा आत्मज्ञान की संगति में तल्लीन होता है । जोगी ! तेरे जोग को सम्भाल ! जोग पर भोग की शैवाल तो जम नहीं गया है न ? जोग पर भोग के भूतों का प्रभाव तो कहीं नहीं छा गया है न ? वर्ना तेरा त्याग व्यर्थ जाएगा । तुमने नारी - सुख को तज दिया... यहाँ तक कि तुमने मुलायम मखमली गद्दे और तकियों का सुख भी त्याग दिया ! अरे भला, अब तेरे लिए 'यह मेरा' जैसा क्या रह गया है ? नुने ममत्व के बन्धन तोड़ दिए । अब तुझ पर किसी जड-चेतन पदार्थ का आधिपत्य सम्भव नहीं । जोगी तुम्हारी चेतना जागृत हो उठी है । तुमने परिग्रह की शिलाओं को उखाड़ फेंक दिया है । फिर तुम पर पुद्गल का प्रभाव कैसे रह सकता है... ? द्रव्य, क्षेत्र, काल और भावादि का बन्धन कैसे शक्य है ? ध्यान रखो, चेतनाशक्ति किसी बन्धन को नहीं मानती । साथ ही जबरन कोई उस पर नियंत्रण लाद नहीं सकता । "मुझे ऐसे ही, अमुक प्रकार के वस्त्र चाहिये, ऐसे ही पात्र चाहिए ऐसी ही पेन... घड़ी और लेटरपेड़ चाहिए, ऐसा ही आसन चाहिए, " आदि द्रव्याग्रह जोगी ! तुम्हें शोभा नहीं देता । क्या इन द्रव्यों के बिना तुम्हें नहीं चलता ? तब इन द्रव्यों को अपेक्षा तुम्हारे मन को निरंतर क्षुब्ध रखेगी । "मुझे तो देहात में अथवा नगर में ही रहना है, मुझे निर्जन स्थान पसंद नहीं... लोगों का सिलसिला, मुझे अच्छा लगता है... उनका निरन्तर आवागमन भाता है। मुझे सुन्दर सुख-सुविधाओं से युक्त उपाश्रय पसंद है । मैं ऐसे देहात में रहना पसंद करता हूँ, जहाँ अधिक गर्मी न पड़ती हो, यह है क्षेत्राग्रह | क्षेत्र का नियंत्रण जोगी पर ? या जोगी का नियंत्रण क्षेत्र पर ? अरे भाग्यशाली ! तुम्हें कहाँ एक ही क्षेत्र में वास करना है? तुम क्षेत्र निरपेक्ष बन विचरण करते रहो । देहात हो या घना जंगल, कठिनाई हो या सुलभता, तुम्हें सदैव ज्ञानानन्द में मस्त
SR No.022297
Book TitleGyansara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptavijay
PublisherChintamani Parshwanath Jain Shwetambar Tirth
Publication Year2009
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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