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________________ पूर्णता पूर्णता या परोपाधेः सा याचितकमण्डनम् । या तु स्वाभाविकी सैव, जात्यरत्नविभानिभा ॥२॥ अर्थ : परायी वस्तु के निमित्त से प्राप्त पूर्णता, किसी से उधार माँगकर लाये गये आभूषण के समान है, जबकि वास्तविक पूर्णता अमूल्य रत्न की चकाचौंध कर देनेवाली अलौकिक क्रान्ति के समान है। विवेचन : मान लो तुम्हारे यहाँ शादी-विवाह का प्रसंग है, लेकिन तुम्हारे पास आवश्यक आभूषण-अलंकारों का अभाव है। उसे पूरा करने के लिये तुम अपने किसी मित्र अथवा रिश्तेदार से आभूषणादि मूल्यवान वस्तुएँ माँग लाये । परिणामत: बड़ी सजधज व धूमधाम से शादी का प्रसंग पूरा हो गया। लोगों में बड़ी । वाह-वाह हुई तुम्हारे ऐश्वर्य और बडप्पन की । जहाँ देखो वहाँ, तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की प्रशंसा हुई । तुम्हारी मनोकामना पूरी हुई । तुम पूर्ण रूप से संतुष्ट हो गये । लेकिन वास्तविकता क्या है ? क्या तुम इस घटना से सचमुच संतुष्ट हुए, आनंदित हुए ? जो शोभा हुई और बडप्पन मिला, वही सही है ? जिन आभूषणों के दिखावे से लोगों में नाम हुआ, क्या वे अपने हैं ? तुम और तुम्हारा मन इस तथ्य से भली-भाँति परिचित है कि अलंकार पराये-उधार लाये हुए हैं और सारा दिखावा झूठा है । प्रसंग पूरा होते ही लोगों की अमानत (आभूषणादि वस्तुएँ) लौटानी है। अतः हम बाह्य रुप में भले ही प्रसन्न हों, लेकिन आन्तर मन से तो दुःखी होते हैं, व्यथित ही होते हैं। ____ ठीक उसी तरह पूर्व भव के कर्मोदय से मानव-भव में प्राप्त सौन्दर्य, कला, विद्या, शान्ति और सुखादि ऋद्धि-सिद्धि भी पराये गहनों की तरह अल्प काल के लिये रहनेवाली अस्थायी है । यह सब तो पुण्य-कर्म से उधार में पाया हुआ है। अतः समय के रहते इस उधार की पूँजी को वापिस लौटा दो तो बेहतर है। इसी में तुम्हारी इज्जत और बड़प्पन है। फिर भी तुम सचेत नहीं हुए, खुद ही स्वेच्छा से इसका त्याग नहीं किया तो समय आने पर कर्मरुपी खलपुरुष इसे तुमसे छीनते देर नहीं करेगा और तब परिस्थिति बड़ी दुर्भर और भयंकर होगी । कर्म को जरा भी शर्म नहीं आएगी अपनी अमानत वसूल करने में, जगत में तुम्हें नंगा करने में । वह कदापि यह नहीं सोचेगा कि 'इस समय इसे (तुम्हें)
SR No.022297
Book TitleGyansara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptavijay
PublisherChintamani Parshwanath Jain Shwetambar Tirth
Publication Year2009
Total Pages612
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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