SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 458
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ करइता २१६० करकरा Y करइता-[पं०] पामुख । करकट-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] भरद्वाज पक्षी। वै. करई-संज्ञा स्त्री० [सं० करक] एक छोटी चिड़िया निघ० । जो गेहूँ के छोटे २ पौधों को काट-काटकर गिराया करकटा- ) [ता. ] वातदला । करती है। करकट्टम्[ तु० ] साही । खारपुश्त। करकटिया-संज्ञा स्त्री० [सं० कर्करेटु ] एक चिड़िया। संज्ञा स्त्री० [ देरा०, गु० ] कुलू । गुलू । करई गोंद-संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] कतीरा । कुल्ली का | करकण्टक-संज्ञा पु० [सं० पु.] नख । नाखून । लासा । त्रिका०। करईचेड्डि- ता०] Canthium parviflo करकना-[ बम्ब० ] फरसा । धामिन । rum, Lam.) किरनी।। करकनाथ-संज्ञा पुं॰ [सं० कर्करेटु ] एक काले रंग ___ का पक्षी जिसके विषय में यह प्रसिद्ध है कि उसकी करक-संज्ञा पुं० [ सं० पुं०] (१) दाडिम । हड्डियाँ तक काली होती हैं। अनार । रा०नि० व. ११ (२) पलास । ढाक । हारा० । (३) मौलसिरी । वकुल । (४) करनिरम-[ मल० ] काला कुचिला । कोविदार । लाल कचनार । रा०नि० व० १०। करकनी-[ मरा०] कुरकुर जिह्वा । दे. कचनार" । (५) करवीर वृक्ष । कनेर । करकन्द-[फा० ] लाल पत्थर । कुनार । जीलकी । रा०नि०व०८। (६) नारियल की खोपड़ी। करकन्धु-संज्ञा पु० दे० "ककंधू"। नारिकेलास्थि । रा०नि०व०११। (७) नाटा करकन्धुवु-[ते. ] बेर । उन्नाब । करन। कंजा । हे. च० (८) कुसुम का पौधा। करकन्ना-[अफ ] माड़बेरी। बरें । (६) एक प्रकारको चिड़िया । मे० कत्रिक करकापली-[ ता०] दक्खिनी बबूल । (१०) करील का पेड़ । (१) रणगृध्र । नोल करकर-संज्ञा पुं॰ [सं० कर्कर ] एक प्रकार का नमक पिच्छ लम्बकर्ण रणप्रिय। रणपती| पिच्छ जो समुद्र के पानी से निकाला जाता है । करकच । (पं०) पियाज़ । तेजम। बाण । भयंकर। स्थूल । नील । (१२) भोला । [फा० ] (1) बाकला । (२) छोटा करका । सनोबर । वि० दे. “करकरा"। संज्ञा पुं॰ [सं० श्री. ] करङ्क । ठठरी : (२) खुमी । गोमयच्छत्र | त्रिका०। (३) कमंडलु । | करकरबुदा-[ मदरास ] Ficus as perrima, Roxb. खरोटी। कल्मनोर । करवा। __ संज्ञा पुं० [हिं० कड़क (१) ठहर-ठहर करकरा-[सिरि०] केशर।। कर होनेवाली वेदना । कसक । चिनक । (२) संज्ञा पुं० [अ० श्राकरकहाँ ] अकरकरा । संज्ञा पुं० [सं० कर्करेटु ] एक प्रकार का रुक-रुक कर और जलन के साथ पेशाब होने का सारस जिसका पेट तथा नीचे का भाग काला रोग। होता है और जिसके सिर पर एक चोटी होती है। [बं०] नुदनार । इसका कंठ काला होता और बाकी शरीर करंज के [ते. ] हड़ का पेड़ । हरीतकी । रंग का ख़ाकी होता है। इसकी पूँछ एक बित्ते करकच-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] नख । नाखून । वै० की तथा टेढ़ी होती है। तालोफ़ शरीफ़ी के निघ०। अनुसार एक प्रकार का पक्षी जो कुलंग के रंग का __ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का नमक जो और उससे छोटा होता है। इसका पैर लम्बा समुद्र के पानी से निकाला जाता है। समुदर और नेत्र अत्यन्त रकवर्ण का होता है। दोनों नोन | पांगानोन | कडकच । कानों से संलग्न श्वेत बाल होते हैं और ग्रीवा से [तु० ] सफ़ेद रेंड । वक्ष की ओर काले बाल लटकते रहते हैं। करकचहा-संज्ञा पुं० दे. "अमलतास"। . (ता. श०) ..... ... ...
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy