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________________ कमीशः २१८५ कमेटी कबीले का चूर्ण नागरग-धूसर रङ्ग मुख्यतः कमुकमु-ता० ) सुपारी क्रमुक । रेशम रङ्गने के काम आता है । स्फीतकृमि कमुगु- ता०] सुपारी | पुगीफल । गुवाक । ( Taemia ) और अन्धाकार कृमियों | कमुदनी-संज्ञा स्त्री० दे. "कमोदनी"। (Tape worm) की यह प्रख्यात औषध है। कमुल-म० ] कमल। इसकी वयस्कोपयोगी मात्रा लगभग दो ड्राम तक कमूजूलौजा-[सिरि०] बादाम की गोंद । है और इसे लुभाब शर्बत, मधु, मण्ड (Gruel) कमूद-संज्ञा पुं॰ [?] कमीला । वा किंचित् सुवासित जल में अबलम्बित कर | कमूदन-[ ? | रोबियाँ । झींगा मछली। व्यवहार करते हैं। मूदनी-[ ? ] ( Menyanthes Indica कमीले का चूर्ण १५ ग्रेन ___ Indian Buck-bean ) बड़ी चौलाई । हँगाकन्थ का लुभाव ४ ड्राम | कमूदी-[?] नीलोफ़र । कमोदनी। अद्रक शर्बत १ ड्राम कमून-संज्ञा पुं० [अ० पु.] जीरा । अजाजी। लवडार्क १॥ औंस जीरक। इन्हें मिलाकर रात्रि-पेय रूप में भी व्यवहार | कमूनी-वि० [अ० प्रा० कमून जीरा ] जीरा संबन्धी। किया जा सकता है। ___जीरे का। जिसमें जीरा मिला हो। वह कहते हैं कि यह सभी सर्व जातीय उदर- | संज्ञा स्त्री० [अ० फा०] एक यूनानी दवा कृमियों एवं सूत्रवत् कृमियों को भी निःसरित | (जवारिश ) जिसका प्रधान भाग जीरा है। करता है। प्रवाहीसार रूप में भी इसका व्यवहार | कमूनी, कमूही-संज्ञा स्त्री०1 ] मकोय । किया जा सकता है । मुख द्वारा व्यवहार करने से | कमूनी शानीज-फा०] काला जीरा । कहते हैं कि यह कुष्ठजनित विस्फोटकों का निवा- कमूनेअखजूर-[अ०] जीरा शामी । जीरा नन्ती। रण करता है । त्वग-रोगों में इसका बहिर प्रयोग हरा जीरा। भी किया गया है . कमीले को अठगुने मोठे तैल में | | कमूने अरमनी-[१०] करोया । करावियः । कृष्णमिलाकर दद्रु, छोप और झांई पर लगाने की जीरक । स्याह जीरा । जीरा विलायती। उत्कृष्ट औषध प्रस्तुत होती है। अमूने अस्फ़र-[अ०] जोरा कारसो । जोरा ज़र्द । ई० मे० मे० | कमूने अस्वद-[अ.] जोरा स्याह। जोरा किरमानो । सन् १३२३ ई० में कायस और म्हस्कर ने | कमूने किरमानी-[१०] स्याह जीरा । इसकी परीक्षा की, पर उनकी दृष्टि से यह औषधी | कमूने नब्ती-[अ] सफ़ेद जीरा । कृमि नाश करने में विलकुल रुिपयोगी सिद्ध हई। जर्द जीरा । पोला जोरा । क्रमीशः-१०] इन्द्रायन का बीज । तुम हंजल । अजवाइन । नानखाह ।। कमीश-(तु.] चाँदी । कमूने रूमी-[अ०] कराविया । विलायतो जोरा । ' कमीस-[१] टिड्डी। कमूने शामो-[३०] जीरा सब्ज । [अ॰ स्त्री०] (१) एक प्रकार का कुर्ता । | कमूने सहराई-अ.] काली जीरी । कमीज़ । (२) हृदावरण । दिल का शिलान। | कमूनेहब्शी-अ.] स्याह जंगलो जीरा । कमीस-संज्ञा स्त्री० [अ० कमीस ] दे॰ “कमीज़"। कमीसु लमजानीन- अ० ] पागलों की कमीज़ । कमूनहलो-[१०] अनीसून । किरमानो जीरा । दीवानों का कुर्ता । पागलों का सीधा और ढीला कमूने हिंदी-[अ] कलौंजी । शोनीज़ । gat ( Straight gacket ) कमूल-संज्ञा पु० दे० "कमलाई"। क्रमीह:-[१०] (१) चूर्ण बुकनी । (२) क़मूलिया-[ ! ]क्रीमूलिया । जवारिश। कमेट्टी-मल० ] (excaecaria agallocha, कमीह :-[सिरि०] गोंद । बादाम । Linn) गंगवा । गेरिया। ५४ फा.
SR No.020062
Book TitleAayurvediya Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1942
Total Pages716
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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