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सस्ता साहित्य मण्डल
[ हिन्दी की श्रेष्ठ राष्ट्रीय और सार्वजनिक प्रकाशन संस्था ]. -: संक्षिप्त परिचय :
१ - सस्ता साहित्य मंडल 'सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट' के अनुसार एक रजिस्टर्ड संस्था है ।
२ – हिन्दी में उच्च कोटि का राष्ट्रीय साहित्य सस्ते मूल्य में प्रकाशित करने के उद्देश से सन् १९२५ में अजमेर में सर्वश्री जमनालाल बजाज, घनश्यामदास बिड़ला, हरिभाऊ उपाध्याय, महावीरप्रसाद पोद्दार, आदि सज्जनों ने इसकी स्थापना की । सन् १९३४ के शुरू में मण्डल अजमेर से दिल्ली आया । १९३८ के अक्तूबर में लखनऊ में शाखा खोली गई और मार्च १९३९ में दिल्ली शहर में दुकान खोली गई ।
३ – मण्डल से अबतक लगभग ११० पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं; जिसमें लगभग आधी के दो से लगातार सात संस्करण तक हो चुके हैं । आगे मण्डल 'नवजीवन माला', 'लोक साहित्य माला', 'गाँधी साहित्य माला', 'टॉल्सटॉय ग्रन्थावलि', 'बाल साहित्य माला' आदि कई लोकोपयोगी मालाओं के रूप में अपने प्रकाशनों का क्षेत्र बहुत बढ़ा रहा है ।
४ – महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, च० राजगोपालाचार्य डॉ० पट्टाभि सीतारामया, आचार्य कृपलानी जैसे महान् नेता; टॉल्स्टॉय, ह्यूगो मोटले, क्रोपाटकिन, केम्पिस, मार्डेन, मैक्स्विनी - जैसे पश्चिमी विचारकों तथा काका कालेलकर, किशोरलाल मशरूवाला, स्व० रामदास गौड़, हरिभाऊ उपाध्याय, वामन मल्हार जोशी जैसे भारतीय साहित्य के प्रसिद्ध लेखकों की रचनायें मण्डल से प्रकाशित हुई हैं ।