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निवेदन
'सस्ता साहित्य मण्डल' का यह बड़ा सूचीपत्र आपके सामने है । 'मण्डल' के पिछले १५ वर्ष का कार्य भी आपके सामने है । इन बरसों में ' मण्डल' ने हिन्दी - साहित्य की और राष्ट्रभाषा की जो सेवा की है वह तो इसी से स्पष्ट है कि महात्मा गाँधी, पण्डित मदनमोहन मालवीय, राष्ट्रपति राजेन्द्रबाबू और पण्डित जवाहरलाल नेहरू के आशीर्वाद और शुभाकांक्षायें उसे प्राप्त हैं । फिर भी 'मण्डल' को अपनी प्रगति से सन्तोष नहीं है। उसकी आकांक्षायें बहुत बड़ी हैं । इस सूचीपत्र में आपको हमारी आगे की प्रकाशन - योजनाओं का विवरण मिलेगा । उसे आप देखें और उस बारे में अपनी कोई सूचना देना चाहें तो हमें भेजने की कृपा करें ।
पिछले वर्षों में पुस्तक प्रकाशन के अलावा हमने दो महत्वपूर्ण कार्य किये । संयुक्तप्रान्त की राजधानी लखनऊ में शाखा खोलना तथा दिल्ली में बाहर से आनेवाले तथा स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए शहर के बीच बड़े दरीबे में दुकान खोलना । हिन्दुस्तान के और प्रान्तों तथा शहरों में भी शाखायें खोलने की हमारी अभिलाषा है । शाखाओं पर मण्डल की पुस्तकों के अलावा अन्य उच्चकोटि का चुना हुआ साहित्य भी मिलता है । हमारी तो यह भी आकांक्षा है कि जिस प्रकार हम लोकरुचि को बनानेवाला और लोगों के चारित्र्य को ऊँचा उठानेवाला साहित्य प्रकाशित करते हैं उसी प्रकार खास-खास स्थानों में इस प्रकार के चुने हुए साहित्य के भण्डार भी स्थापित करें । अबतक तो हम अपने प्रयत्नों में भगवान की कृपा और पाठकों के उदारतापूर्ण सहयोग से सफल होते आये हैं । और इसी प्रकार भगवान् की कृपा रही और आप पाठकों का उदार सहयोग और प्रोत्साहन मिलता रहा तो 'मण्डल' अवश्यमेव अपने उद्देश्य में सफल होगा और हिन्दी साहित्य में उसका स्थान अद्वितीय हो
जायगा ।
विनीत
मंत्री