________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः 45 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च “अनुयोगद्वार-चूलिकासूत्र” [हरिभद्रसूरिजी-रचिता वृत्तिः] (किंचित वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: "अनुयोगद्वारसूत्र" मूलं एवं वृत्ति:” नामेण परिसमाप्त: Remember it's a Net Publications of 'jain_e_library's' ~133