________________ -333333333333333333333333333333333333333323833 - a cace ce ce ca ca श्रीआवश्यक नियुक्ति (व्याख्या-अनुवाद सहित) 0 0 0 0 0 0 0 0 || आदि चारों भेदों का बोध हो जाता है, और भेद पर्याय रूप ही होते हैं। अथवा नाम, स्थापना / ca व द्रव्य -ये तीनों भावमङ्गल के ही अंगभूत होते हैं, क्योंकि (ये तीनों) इन्द्र-सम्बन्धी परिणति , & में कारण होते हैं। उदाहरणार्थ- मङ्गल आदि के, तथा (नङ्गलरूप) सिद्ध आदि के नामों को , सुनकर तथा अर्हन्तों की स्थापित प्रतिमा का दर्शन कर अपने 'संयति' (साधु, मुनि) होने के 4 अतीत परिणाम को (स्मृति में लाते हुए) अथवा संयति के भावी शरीर की योग्यता (द्रव्य 6 अर्हत् अवस्था) को प्राप्त करते हुए प्रायः द्रष्टा को सम्यग्दर्शन आदि भावमङ्गल-सम्बन्धी & परिणाम उत्पन्न हो जाते हैं (इत्यादि)। इसलिए यहां इतना ही कहना पर्याप्त है। (हरिभद्रीय वृत्तिः) प्रकृतं प्रस्तुमः-तत्र नोआगमतोऽहन्नमस्कारादि भावमङ्गलमुक्तम्, अथवा नोआगमतो, भावमङ्गलं नन्दी, तत्र नन्दनं नन्दी, नन्दन्त्यनयेति वा भव्यप्राणिन इति नन्दी, असावपि च // 4 मङ्गलवन्नामादिचतुर्भेदभिन्ना अवगन्तव्येति।तत्र नामस्थापने पूर्ववत् / द्रव्यनन्दी द्विधा& आगमतो नोआगमतश्च, आगमतो ज्ञाताऽनुपयुक्तः, नोआगमतस्तु ज्ञशरीरभव्यशरीरोभय* व्यतिरिक्ता च द्रव्यनन्दी द्वादशप्रकारस्तूर्यसंघातः __ भंभा मुकुंद मद्दल कडंब झल्लरि हुडुक्क कंसाला। काहलि तलिमा वंसो, संखो पणवो य बारसमो॥ .. ___ (वृत्ति-हिन्दी-) अब प्रकृत विषय को प्रस्तुत कर रहे हैं- अर्हन्त-नमस्कार आदि को " ca 'नो-आगम भावमङ्गल' कहा जाता है, या जिसके द्वारा भव्य प्राणी नन्दित हों, समृद्धिसंपन्न - & हों, वह 'नन्दी' है, और इसके भी मङ्गल की तरह ही, नामनन्दी, स्थापना नन्दी, द्रव्यनन्दी व भावनन्दी -इस प्रकार चार भेद समझने चाहिएं। इनमें नाम व स्थापना तो पूर्ववत् ही हैं। द्रव्यनन्दी के दो प्रकार हैं- आगमतः और नो-आगमतः / जो नन्दी-सम्बन्धी ज्ञाता हो, किन्तु तत्सम्बन्धी उपयोग से रहित हो, वह 'आगमतः द्रव्यनन्दी' है। नो-आगम द्रव्यनन्दी के तीन व प्रकार हैं- ज्ञशरीर, भव्य शरीर और उभय-व्यतिरिक्त। इन तीनों 'द्रव्यनन्दी' को (निम्नलिखित) वाद्य-समूहों के रूप में जानना चाहिए (1) भंभा, (2) मुकुन्द, (3) मद्दल, (4) कडंब, (5) झल्लरी, (6) हुडुक्क, (7) & कंसाल, (8) काहली, (9) तलिमा, (10) वंश, (11) शंख, और बारहवां (12) प्रणव (-ये - सभी वाद्य-विशेष द्रव्यनन्दी हैं)। 8888888888888888888888888888888888888 - 26(r) (r)ce@@CROSCORR808080908