________________ 333333333333333333333333333333333333333333333 / Sacaacacacea श्रीआवश्यक नियुक्ति (व्याख्या-अनुवाद सहित) 0000000 (यहां शंकाकार का कथन-) चलो, मान लिया (कि मङ्गलाचरण के उक्त प्रयोजन c& हैं, किन्तु यह बताएं कि) ये तीनों मङ्गल शास्त्र से भिन्न हैं या अभिन्न? यदि ये शास्त्र से भिन्न . हैं तो यह सिद्ध हो जाता है कि शास्त्र ‘मङ्गल' नहीं है, क्योंकि ऐसा न मानें तो शास्त्र व मङ्गल में भेद कैसे बन पाएगा? और जब शास्त्र अमङ्गल है तो जो अमङ्गल हो, उसे सैकड़ों मङ्गलाचरणों से भी 'मङ्गल' नहीं किया जा सकता, इसलिए मङ्गलाचरण की निःसारता , a सिद्ध हो जाती है। दूसरी बात, अमङ्गल के लिए दूसरा मजल किया जाना (उचित) मान भी / & लिया जाय तो 'अनिष्ठा' (अनवस्था) दोष आ जाएगा। जैसे, जो शास्त्र पहले मङ्गल नहीं है, . & उसके लिए मङ्गलाचरण किया जा रहा है, वह मङ्गलाचरण तो अमङ्गल रूप है तो उसके " & लिए अन्य मङ्गलाचरण करना पड़ेगा, फिर उसके लिए भी पुनः अन्यमङ्गलाचरण करना - इस तरह अनिष्ठा (अनवस्था) दोष आ जाता है। (हरिभद्रीय वृत्तिः) अथाभिन्नम्, एवं सति शास्त्रस्यैव मङ्गलत्वात् अन्यमङ्गलोपादानानक्यमेव।अथ मङ्गलभूतस्याप्यन्यन्मङ्गलमुपादीयत इति, एवं सति तस्याप्यन्यदुपादेयमित्यनवस्थानुषा एव। - अथानवस्था नेष्यत इति मङ्गलाभावप्रसङ्गः, कथम्? यथा मङ्गलात्मकस्यापि सतःशास्त्रस्य & अन्यमङ्गल-निरपेक्षस्यामङ्गलता, एवं मङ्गलस्याप्यन्यमङ्गलशून्यस्य, इत्यतो मङ्गलाभाव इति। . अत्रोच्यते-आद्यपक्षोक्तदोषाभावस्तावदनभ्युपगमादेव, तदभ्युपगमेऽपि च मङ्गलस्य, लवणप्रदीपादिवत् स्वपरानुग्रहकारित्वादुक्तदोषाभाव इति। चरमपक्षेऽपि न. मङ्गलोपादानानर्थक्यम्, शिष्यमतिमङ्गलपरिग्रहाय शास्त्रस्यैव मङ्गलत्वानुवादात्।एतदुक्तं ल भवति-कथं नु नाम विनेयो मङ्गलमिदं शास्त्रमित्येवं गृह्णीयात्?, अतो मङ्गलमिदं शास्त्रमिति ca कय्यते। (वृत्ति-हिन्दी-) और यदि ऐसा माने कि शास्त्र और मङ्गल -ये दोनों अभिन्न हैं, तो शास्त्र स्वयं मङ्गलरूप हो गया और उसके लिए अन्य मङ्गल का किया जाना निरर्थक ही हो , जाता है। यदि ऐसा कहो कि शास्त्र मङ्गलभूत है, फिर भी अन्य मङ्गल किया जाना चाहिए, n & तो फिर उस मङ्गल के लिए भी अन्य मङ्गल करना चाहिए -इस प्रकार (पुनः) अनवस्था दोष & आ ही जाता है। और अनवस्था से बवना चाहेंगे तो मङ्गल का ही अभाव हो जाएगा। (आप . पूछेगें) कैसे? (तो बता रहे हैं कि) जैसे शास्त्र के मङ्गलरूप होने पर भी अन्य मङ्गल के बिना / - 12 (r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r) -