________________ 0ROORB0BROWROOROSRAMRODRA विषय-शीर्षक गाथा सं. पृष्ठ सं. 0 222222222332223333332323232232322322233222223 12. भाषा-द्रव्यों का कायिक योग से ग्रहण (गाथा-8). 13. औदारिकशरीरी आदि द्वारा गृहीत व उत्सृष्ट भाषा के सत्या, मृषा आदि भेद (गाथा-9) 14.भाषा-द्रव्यों की लोक व्याप्ति (गाथा-10) 15. मतिज्ञान के पर्याय (गाथा-12) 16.नौ अनुयोग-द्वारों से मतिभेद-निरूपण (गाथा-13) 17. मतिज्ञान की प्रकृतियां (भेद) (गाथा-16) श्रुतज्ञान] 18. श्रुतज्ञान की प्रकृतियां (भेद) (गाथा-17) 19. (अक्षर) श्रुत ज्ञान के चौदह निक्षेप (गाथा-19) 20. अनक्षर श्रुत का स्वरूप (गाथा-20) 21. श्रुत ज्ञान की उपलब्धि (गाथा-21) 22. बुद्धि के आठ गुण (गाथा-2) 23. श्रवण विधि के सात अंग (गाथा-23) 24. अनुयोग (व्याख्यान) की विधि (गाथा-24) [अवधिज्ञान] 25. अवधिज्ञान के भेद (गाथा-25) 26. अवधिज्ञान की चौदह प्रतिपत्तियां (गाथा-1) 7. अवधि शब्द के सात निक्षेप (गाथा-29) 28. अवधिज्ञान का जघन्यक्षेत्र परिमाण (गाथा-30) 29. अवधिज्ञान का उत्कृष्ट क्षेत्र-परिमाण (गाथा-31) 30. (मध्यम) अवधि का क्षेत्र-काल विषयक प्रतिबन्ध (गाथा-32) 31. द्रव्यादि-वृद्धि सम्बन्धी प्रतिबन्ध, उनमें सूक्ष्मता.. (गाथा-36) 32. अवधि ज्ञान के ग्रहणयोग्य (प्रारम्भ-समाप्ति में) द्रव्य / (गाथा-38) 33. औदारिक आदि ग्रहण-योग्य-अयोग्य द्रव्य-वर्गणाएं (गाथा-39) 34.गुरुलघुव अगुरुलघुवर्गणाएं (गाथा-41) 35. अवधि का क्षेत्र-काल सम्बन्धी प्रतिबन्ध (गाथा-42) 36. परमावधि के द्रव्य, क्षेत्र काल व भाव... (गाथा-44) 1180BRO90BROOROSAROOROROSCR90R