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________________ -RRRRRRRRce 927 नियुक्ति गाथा-16 जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण के अनुसार आभिनिबोधिकज्ञानी ओघादेस (सामान्य आदेश) से ca सब द्रव्यों को जानता है, किन्तु वह सब विशेषों की दृष्टि से सब द्रव्यों को नहीं जानता। तात्पर्य की " & भाषा में यह आभिनिबोधिक ज्ञान के ज्ञेय की सीमा का निर्देश है। अर्थात् वह सामान्यतः कुछेक , पर्यायों से विशिष्ट द्रव्य को जानता है (द्र. विशेषा. भाष्य, 404-404) / आभिनिबोधिकज्ञानी सब भावों को जानता है। जिनभद्रगणि ने इसका अर्थ किया है-: आभिनिबोधिकज्ञानी औदयिक, औपशमिक, क्षायिक, क्षायोपशमिक, पारिणामिक -इन पांच भावों को सामान्य या जाति के रूप में जानता है। तत्त्वेत्ता, दार्शनिक और वैज्ञानिक अपनी मति से संपूर्ण विश्व रचना और विश्ववर्ती पदार्थों के बारे में चिंतन करते हैं, शोध करते हैं, और नई-नई स्थापना करते हैं। उनमें औत्पत्तिकी बुद्धि का विकास भी होता है। उसके द्वारा वे अदृष्ट और अश्रुत तत्त्वों को जान लेते हैं। किसी पूर्व परंपरा और शास्त्र का * अनुसरण किए बिना अनेक नए तत्त्वों का प्रतिपादन करते हैं। इसलिए आभिनिबोधिक और श्रुतज्ञान की ca केवलज्ञान से सापेक्ष दृष्टि से तुलना की जाती है। मतिज्ञान की अन्य ज्ञान (श्रुतज्ञान व केवलज्ञान) से & तुलना करते हुए उसके ज्ञेय की सीमा को स्पष्ट करने हेतु निम्नलिखित चार्ट प्रस्तुत है - 222222222222222222222222222222222222222333333 आभिनिबोधिक श्रुतज्ञान केवलज्ञान द्रव्य-आदेशतः सर्व द्रव्यों को| श्रुतोपयोगअवस्था में सर्वद्रव्यों को | | सर्व द्रव्यों को जानता-देखता जानता-देखता है। जानता-देखता है। है। क्षेत्र-आदेशतः सर्व क्षेत्रों को| श्रुतोपयोग अवस्था में सर्व क्षेत्रों| सर्व क्षेत्रों को जानता-देखता जानता-देखता है। को जानता-देखता है। है। | काल-आदेशतः सर्व काल| श्रृतोपयोग अवस्था में सर्व काल सर्व काल को जानता-देखता को जानता-देखता है। को जानता-देखता है। भाव- आदेशतः सर्व भाव| श्रुतपयोग अवस्था में सर्व भावों| सर्व भावों को जानता-देखता को जानता-देखता है। को जानता-देखता है। @ @ @ @ @ @ @ @ @ @ @ @ @ 141
SR No.004277
Book TitleAvashyak Niryukti Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumanmuni, Damodar Shastri
PublisherSohanlal Acharya Jain Granth Prakashan
Publication Year2010
Total Pages350
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size10 MB
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