________________ এর যে যে যে যে যে হে হে হে হে। नियुक्ति गाया-9 හ හ හ හ හ හ හ හ හ -~ s 333333333333 (9) (नियुक्ति-अर्थ-) औदारिक, वैक्रियक व आहारक शरीर (वाले जीव) सत्य, मृषा " (असत्य), सत्य-मृषा और असत्य-मृषा (-इन चार प्रकारों वाली) भाषा (के योग्य पुद्गलद्रव्यों) को ग्रहण करता है और (उन्हें) छोड़ता (निसर्जन करता) है। (हरिभद्रीय वृत्तिः) (व्याख्या-) तत्र औदारिकवानौदारिकः, इहौदारिकशब्देनाभेदोपचाराद् मतुब्लोपाद्वा . औदारिकशरीरिणो ग्रहणमिति। एवं वैक्रियवान्वैक्रियः, आहारकवानाहारक इति।असौ , औदारिकादिः / गृह्णाति' आदत्ते, 'मुञ्चति' निसृजति च, भाष्यत इति भाषा तां भाषाम्, . & शब्दप्रायोग्यतया तद्भावपरिणतद्रव्यसंहतिमित्यर्थः। किंविशिष्टामित्याह-सतां हिता सत्या, . सन्तो मुनयस्तदुपकारिणी सत्येति, अथवा सन्तो मूलोत्तरगुणास्तदनुपघातिनी सत्या, अथवा सन्तः पदार्या जीवादयः, तद्धिता तत्प्रत्यायनफला जनपदसत्यादिभेदा सत्येति, तां सत्याम्। " व सत्याया विपरीतरूपा क्रोधाश्रितादिभेदा मृषेति ताम् / तथा तदुभयस्वभावा " वस्त्वेकदेशप्रत्यायनफला उत्पन्नमिश्रादिभेदा सत्यामृषेति ताम् / तथा तिसृष्वप्यनधिकृता & शब्दमात्रस्वभावाSSमन्त्रण्यादिभेदा असत्यामृषेति तां च / चशब्दः समुच्चयार्थः। आसां च . स्वरूपमुदाहरणयुक्तानां सूत्रादवसेयमिति गाथार्थः // 9 // (वृत्ति-हिन्दी-) यहां 'औदारिक' का अर्थ है-औदारिक शरीरवाला, क्योंकि अभेदोपचार : कर (औदारिक शरीर और शरीरधारी में परस्पर अभेद मानकर) अथवा 'मतुप' ('वाला') . प्रत्यय का लोप कर 'औदारिक' शब्द से- 'औरदारिक शरीरधारी' का ग्रहण किया गया है। ( इसी प्रकार, वैक्रिय का अर्थ है- वैक्रिय शरीर वाला। आहारक का अर्थ है- आहारक शरीर a वाला। औदारिक आदि (शरीर-धारक), उस भाषा को जो भाषित होती है, अर्थात् शब्द रूप " बनने की योग्यता के कारण शब्द रूप परिणत होने वाले द्रव्य-समूह को, ग्रहण करते हैं और " a (भाषा रूप में) छोड़ते हैं। (प्रश्न-) वह भाषा किस-किस प्रकार की होती है? उत्तर दे रहे , हैं- (वह सत्या आदि चार प्रकार की होती है, उनमें एक है-) सत्या भाषा यानी वह भाषा . जो सत्पुरुषों के लिए उपकारिणी होती है, अथवा सत्पुरुष यानी मुनिजन, उनके लिए उपकारिणी होती है, अथवा सत् यानी (श्रमण-चर्या के अंग) मूलगण व उत्तर-गुण उनका है उपघात न करने वाली, अथवा सत् यानी जीव आदि पदार्थ, उनके लिए हितकारी अर्थात् 2222222382322 85