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________________ ( 3 ) ट्यूनर द्वारा विद्युत तरंगों का ग्रहण- डिटेक्टर द्वारा विद्युत तरंगों को ध्वनितरंगों में परावर्त्तन । स. कार्मण शरीर नामकर्म द्वारा कार्मणवर्गणा ग्रहणआत्मा द्वारा कार्मणवर्गणा को कर्म में परिवर्तित करना । (4) लाउडस्पीकर द्वारा अच्छे-बुरे समाचार | द. कर्म के उदय आने पर सुख-दुःख आदि का अनुभव । उपर्युक्त तालिका में 1-2-3-4 रेडियो की सारी प्रक्रिया है तो अ-ब-स-द में कर्मग्रहण की प्रक्रिया है । आत्मा के द्वारा कर्मों को ग्रहण करने की प्रक्रिया टोन वोल्व से अच्छी या बुरी आवाज देता है वैसे कर्म शुभाशुभ फल देता है। Jain Education International प्राकृतिक वातावरण रूपी ट्रान्समीटर उनका ही डिटेम्टर बनकर कार्मण वर्गणा को कर्म बनाती है। कार्मण शरीर नाम का उदय रूपी ट्यूनर रे कर्म तेरी गति न्यारी...!! / 20 For Personal & Private Use Only कार्मण वर्गणा रूपी विद्युत तरंगें (मिथ्यात्व अविरति कषाय योग रूपी स्टार्टर www.jainelibrary.org
SR No.004216
Book TitleRe Karm Teri Gati Nyari
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunratnasuri
PublisherJingun Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages170
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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