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देवीदास-विलास
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नन्दनगरी- नन्द नामकी नगरी (विमल. निरवाद- वाद रहित (पंच. १५।४)
५२) निरवारन— दूर करने वाले (पद. ५।२) नन्दसेन– नन्दसेन राजा (मल्लि. ४८) निरसंग- संग रहित (पंच. १५। १३) नन्दीवृक्ष- नन्दी नामका वृक्ष (शान्ति. निराट- केवल (राग. २१।३)
५८) निरासक- निराकरण करने वाला; (बुद्धि. नमिता- नम्रता (पंच. ३।६)
२७।२) नय-नीति (पंच. ४।३)
निरीछनो-निरीक्षण करना(शीलांग.६।१) नवाज- रक्षा करने वाला (पुकार. ११) निरोई-नीरोग (धर्म. ४।१) नवेरे- दूर करने वाले (पद. २८) निर्दूख– निर्दोष (सुपार्श्व. १९) नसीठौ- नष्ट हो जाना (पद. २१) निर्मलनाथ- विमलनाथ तीर्थंकर (चतुर्विं नाइक- नायक (पंच. १।१)
१३।४) नाउ- नाव (बुद्धि. ४।३)
निवारन- निवृत्ति; छुटकारा दिलाने वाला नागर- नागर नामका वृक्ष (चन्द्र. ६२)
(पुकार. १।३) नाज- अनाज (पद. १७।९) निश्चय- निश्चय नय (परमा. १४।१) नाभिराय-नाभिराय राजा (आदि. ४२) निषाद- अपराध (पुकार. ५।२) नाव- नाव (धर्म. १४।२)
नीकी- अच्छी (बुद्धि. ३५।२) नाषा- नाश (राग. ४।५)
नीसकती- नि:शक्ति (चक्र. ४०।१) निंबू- नीबू (मारीच. १४।२) नृत-नृत्य (जोग. २।३) निकंद- नाश (बुद्धि. ५५।५) नृपनन्द- नृपनन्द (राजा) (चंन्द्र. ५४) निकाई-अच्छापन; सौन्दर्य (पद. १२।१४) ने- नय (दसधा. ९।१) निघटी- समाप्त हुई (जिनांत. २।१२) नेरौ- पास (राग. ७।३) निज्जई- जीत लेना (दसधा. १३) नैंकु- जरा भई, कुछ भी नहीं (पंच. निधि- धन; संपत्ति; नौ निधियाँ (चक्र.
२२।४) २०११) नौका- नाव (जिनवन्दना. १८।३) निना- अलग (आदि. २४) नौनी- अच्छी (बुद्धि. ३५।२) निपसेव- पसीना रहित (जिन. २।२) पंगति- पंक्ति (जिनांत. १।२; बुद्धि. नियरी- पास आई हुई (बुद्धि. ५१।१)
५४।२) निरक्षर- अज्ञानी, अक्षर रहित (पद. पंचपरमगुरु- पंच परमेष्ठी (पंच. १।६)
२१।१०) पंछी- पक्षी (राग. ४८) निरधारना- निश्चित करना (बुद्धि. ४७।१) पखारे- धोये (नेमि. ९) निरप्रमाद- प्रमाद रहित (पंच. १५।४) पखेरु- पक्षी (पुकार. १०।२) निरभै- निर्भय (परमा. १३।१) पगत- पगे हुए; रचे हुए (वीत. १९।२) निरमोख- मोक्ष रहित (बुद्धि. ३६।२ ) पगन- पगना (बुद्धि. १९।१६)
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