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( च ) विषय (२) पुद्गल-द्रव्य-निरूपण
१८. पुद्गलद्रव्यके वर्णनकी प्रतिज्ञा १६. शुद्ध-पुद्गलद्रव्यकी अपने ही प्रदेश, गुण और
पर्यायसे सिद्धि २०. अशुद्ध पुद्गलद्रव्य के प्रदेशोंका कथन २१. पुद्गलपरमाणुमें रूपादिके शाश्वतत्वकी सिद्धि २२. पुद्गलद्रव्यकी अन्वयसंज्ञक और प्रदेशप्रचयज
पर्यायोंका कथन २३. पुद्गलद्रव्यकी अशुद्ध पर्यायोंका प्रतिपादन ६५ २४. पुद्गलद्रव्यके बीस गुण और शुद्ध गुणपर्यायका
कथन २५. शुद्ध-पुद्गलपरमाणुमें पाँच ही गुणोंकी संभावना
और उन गुणोंकी शक्तियों में धर्मपर्यायका कथन ६८ २६. स्कन्धोंके रूपादिकोंमें पौद्गलिकत्वकी सिद्धि . और उनकी अशुद्धपर्याय (३,४ ) धर्म-अधर्मद्रव्य-निरूपण
२७. धर्म और अधर्मद्रव्यके कथनकी प्रतिज्ञा २८. धर्म और अधर्म-द्रव्योंकी प्रदेश, गुण और
पर्यायोंसे सिद्धि २६. धर्मद्रव्यका स्वरूप ३०. अधर्मद्रव्यका स्वरूप
३१. धर्म और अधर्म-द्रव्यों में धर्मपर्यायका कथन (५) आकाश-द्रव्य-निरूपण
३२. आकाश-द्रव्यका वर्णन ३३. लोकाकाश और अलोकाकाशका स्वरूप
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