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________________ Na पाव नहीं मनुष्य में ४७ बोल पावै । तिण मांही समवसरण समय क्रिया | अक्रिया अज्ञान विनय सरण वादी वादी वादी | वादी १. कृष्णपक्षी में नहीं। पाव पावै। पाव २. मिथ्यादृष्टि में पाव पाव पाव ३. अज्ञानी में । नहीं पा पावै पाव ४. मतिअज्ञानी में पाव पावै ५. श्रुतअज्ञानी में पावै पावै ६. विभंग अज्ञानी में पाव ७. अलेशी में पाव नहीं ८. सम्यकदप्टि में पाव नहीं ९. सज्ञानी में १०. मतिज्ञानी में पाव ११. श्रुतज्ञानी में पाव १२. अवधिज्ञानी में पावै १३, मनपर्यवज्ञानी में पाव १४. केवलज्ञानी में पाव १५. नोसघणोवउत्ता में पाव नहीं १६. अवेदी में पावं १७. अजोगी में नहीं १८. अकषायी में पाव नहीं। नहा १९. मिश्रदृष्टि में पाव २०-४७. शेष २८ बोलों में ४. पावै । पावै । पावै पाव व्यंतर में ३७ बोल पावै । तिण मांही समवसरण भवनपतिवत। पाव rrrrrar ormorror.orrorummar नहीं नहीं नहीं नहीं पाव नहीं __नहीं पाव F पाव नहीं पाव पावै ज्योतिषी तथा पहला दूजां देवलोक में ३४ बोल पावै । तिण मांही समवसरण समव क्रिया अक्रिया| अज्ञान | विनय सरण | वादी वावी | वादी | वादी १. कृष्णपक्षी में नहीं | पार्व पावै, पावै २. मिथ्यादृष्टि में नहीं पावै पावै ३. अज्ञानी में नहीं पाव ४. मतिअज्ञानी में पाव ५. श्रुतअज्ञानी में नहीं ६. विभगअज्ञानी में नहीं पाव पाव ७. सम्यकदृष्टि में पावै नहीं ८. सज्ञानी में पावै नहीं नहीं ९. मतिज्ञानी में नहीं नहीं १०. श्रुतज्ञानी में पावै । नहीं ११. अवधिज्ञानी में १२. मिश्रदृष्टि में नहीं पाव १३-३४. शेष २२ बोलों में पावै पावै - पावै । पावै पाव पाव पाव पाव नहीं नहीं EEFFFFFFFFFFFE m marr marrrrrry नहीं पाव नहीं नहीं पाव नहीं नहीं पाव श. ३०, उ०१, ढा०४७५ ३०९ Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003623
Book TitleBhagavati Jod 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages498
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size24 MB
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