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पूर्वे समुच्चय जीव अनें चौबीस दण्डके जे बोल अनं समवसरण कह्या, तेहि यन्त्र की कहिये है
समुच्चय जीव में बोल पावे ४७
१. समुच्चय जीव
२. सलेशी
३. कृष्णलेशी
४. नीललेशी
५. कापोतलेशी
६. तेजुलेशी
७. पद्मलेशी
८. मुलगी ९. अलेशी
१०. कृष्णपाक्षिक
११. पाक्षिक
१२. सम्यकदृष्टि
१३. मिध्यादृष्टि
१४. मिश्रष्टि
१५. सनाणी
१६. मतिनाणी
नारकी में बोल पावे ३५
१. समुच्चय नारकी २. सलेशी
३. कृष्णलेशी
४. नीललेशी
५. कापोतलेशी
६. कृष्णपाक्षिक
७. शुक्लपाक्षिक
८. सम्यकदृष्टि
९. मिथ्यादृष्टि
१०. मिश्र दृष्टि
११. समुच्चय ज्ञानी
१२. मतिज्ञानी
१३. श्रुतज्ञानी
१४. अवधिज्ञानी
१५. समुच्चय अज्ञानी १६. मतिअज्ञानी
१७.
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१७. श्रुतनाणी
१८. अवधिनाणी
१९. मनपर्यवनाणी
२०. केवलनाणी
२१. अनाणी
२२. मतिअनाणी
२३. श्रुतअनाणी
२४. विभंगअनाणी
२५. आहारसणीव उत्ता
२६. भयसण्णोवउत्ता
२०. सो
१८. विभंगअज्ञानी
१९. आहारसोबत्ता
२०. भयसण्णोवउत्ता
२१. मैथुनवा
२२. उत्ता
३३. नपुंसक वेदी
३४. अवेदी
२. परियोजता ४४. २९. नोसण्णोवउत्ता
३०. सवेदी
३१. स्त्रीवेदी
३२. पुरुषवेदी
२३. सवेदी
२४. नपुंसक वेदी
२५. सकषायी
२६. कोचकषायी
२७. मानकषायी
२८. मायाकषायी
२९. लोभकषायी
३०. सजोगी
३१. मनजोगी
३२. वचनजोगी
३३. कायजागी
३४. सागारोवउत्ता
३५. अणागारोव उत्ता
३५. सकषायी
३६. क्रोधकषायी
३७. मानकषायी
३८. मायाकषायी
३९. लोभकषायी
४०. अकषायी ४१. सजोगी
४२. मनजोगी
४३. वचनजोगी
योगी ४५. अजोगी
४६. सागारोवउत्ता
४७. अनागारोवउत्ता
बोल नथी पार्व
१.
२. पद्मलेशी
३. शुक्ललेशी
४. अलेशी
५. मनपर्यं वज्ञानी
६. केवलज्ञानी
७. नोसण्णोवउत्ता
८.
स्त्रीवेदी
९. पुरुषवेदी
१०. अवेदी
११. अकषायी १२. अजोगी
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श० ३०, उ० १, ढा० ४७५
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