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________________ विषयानुक्रम विषय लेश्या पद संसारी जीव के चौदह प्रकार दंडकों में समयोगी विषमयोगी योग के प्रकार योग में अल्पबहुत्व द्रव्य के प्रकार जीव के अजीव-परिभोग चौबीस दण्डकों के अजीव-परिभोग लोक में अनन्त द्रव्यों का अवगाह पुद्गल-चयादि पुद्गल-ग्रहण संस्थान के प्रकार संस्थानों का अल्पबहुत्व द्रव्यार्थ-प्रदेशार्थ की अपेक्षा रत्नप्रभा आदि संदर्भ में संस्थान वृत्त संस्थान के प्रदेश और आकाश-प्रदेश व्यत्र संस्थान के प्रदेश और आकाश-प्रदेश चतुरन संस्थान के प्रदेश और आकाश-प्रदेश आयत संस्थान के प्रदेश और आकाश-प्रदेश परिमंडल संस्थान के प्रदेश और आकाश-प्रदेश घन परिमंडल संस्थानों के कृतयुग्म आदि श्रेणी-परिमाण अनुश्रेणी विश्रेणी गति आवास नारक और देवों के गणिपिटक पांच गति का अल्पबहुत्व अष्ट गति का अल्पबहुत्व इन्द्रियों के सन्दर्भ में अल्पबहुत्व काय के संदर्भ में अल्पबहुत्व जीव यावत पर्यव का अल्पबहुत्व आयुष्य कर्म के बंधक-अबंधक आदि जीवों का अल्पबहुत्व युग्म के प्रकार चौबीस दण्डक और सिद्धों के युग्म षट् द्रव्यों के युग्म षट द्रव्यों का अल्पबहुत्व षट द्रव्यों का लोक में अवगाहन कृतयुग्म आदि के सन्दर्भ में रत्नप्रभा यावत ईषत्प्राग्भारा का अवगाहन कृतयुग्म आदि के संदर्भ में जीव आदि छब्बीस पदों की पृच्छा कृतयुग्म आदि के संदर्भ ५७ जीव आदि छब्बीस पदों की क्षेत्र सम्बन्धी पृच्छा कृतयुग्म आदि के संदर्भ में जीव आदि छब्बीस पदों की पृच्छा कृतयुग्म आदि समय स्थिति के संदर्भ में जीव आदि छब्बीस पदों की वर्णादि सम्बन्धी पच्छा कृतयुग्म आदि के संदर्भ में जीव आदि छब्बीस पदों की बारह उपयोग सम्बन्धी पृच्छा __कृतायुग्म आदि के सन्दर्भ में शरीर पद जीवों की सकम्पता निष्कम्पता पुद्गल पद पुद्गल का अल्पबहुत्व द्रव्यार्थ की अपेक्षा से पुद्गल का अल्पबहुत्व प्रदेशार्थ की अपेक्षा से पुद्गल का अल्पबहुत्व क्षेत्र की अपेक्षा पुद्गल का अल्पबहुत्व काल की अपेक्षा पुद्गल का अल्पबहुत्व भाव की अपेक्षा पुद्गल का अल्पबहुत्व एक प्रदेशावगाही यावत असंख्य प्रदेशावगाही पुद्गल का अल्पबहुत्व ७२ एक समयस्थिति यावत असंख्यसमयस्थितिक पृथ्गल का अल्पबहुत्व वर्ण, गंध, रस स्पर्श की अपेक्षा से पुद्गल का अल्पबहुत्व पुद्गल की पृच्छा कृतयुग्म आदि के संदर्भ में क्षेत्र की अपेक्षा से पुद्गल की पच्छा कृतयुग्म आदि के संदर्भ में काल की अपेक्षा से पुद्गल की पृच्छा कृतयुग्म आदि के संदर्भ में भाव की अपेक्षा से पुद्गल की पृच्छा कृतयुग्म आदि के संदर्भ में पुद्गल का सार्ध-अनर्ध पद पुद्गल की सकम्पता-निष्कम्पता सकम्प-निष्कम्प पुद्गलों का अल्पबहुत्व देश कम्पता, सर्वकम्पता, निष्कम्पता पुद्गल की सकम्पता निष्कम्पता काल की अपेक्षा Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003623
Book TitleBhagavati Jod 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages498
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size24 MB
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