________________ नउरू मै सीस मै उदरं मैसील मे आयु मै बलं मै वण्णो मेलया मे छायामेसीय मैचक्व मेघाणं मे जिल्मा मे फासो मामात जास्स... 7 वद्यालो परिश्इ तंगहा में ॐ तो वा बला तो वा जाव फासा तो वासुसंधिता संधी किस मवइ बनि लरंगी गाते भवइ, किण्हा केसा पनिया भवंति तं जहा-जंपि य इमं सरी उरालं आहारोवञ्चियं एटोपिय मे अणुपुर्वणं विप्पजहियवं भविस्मति / ---- ..--- - एवं संरव्या (संखायासे भिक्खू भिकरवायरियाए समुहिते दुहतो लोग जाणज्जा, तंजहा- जीवा चेव - अजीबाचेकलसा-चैवथातराचैव // 3 // - -- 618.1. से बेमि भिक्खो क्षीरुपोद्धातं विवक्षुः सोऽहं ब्रवीमि।पाईणं वा पण्णवादिसाओ भावदिसाओ वा] गधिता संगलिया मणुस्सा,सन्ति विद्यन्ते ।लं जहा-आयरिया वेगे जाव दुरूवा वेगे। अणायरियाविपल्वयंति,जहा अहयो वक्ष्यमur tii यागीता वि जहा हरिएसबनी।स्ववन्तौ जहा अतिमुत्तो वामणा वा दुबण्ण-सबैसुमो चेव हरिएसबलो, अण्णो वा जी को दुब्बण-रवी संपतं पिरीयागोतवना पल्ला विनंति, अण्णदेसे वा हरिएसवजा दुरूव-दुवा पुण अव्यंगस रीरा सदेसे वि पल्ला विज्छति। तसिं चेव खेत-वत्थुविभासा / अप्पा दुगत-हारादीनाम् / भूयो बाहुल्यै, इदं च भूयार इदमनयो भूयस्तरमा अल्पेभ्या बहुलराणि भुज्जसरे वैगैसितिद्यथा-कुबुंबिध-राज उलिय-महामंडलिय बलदेव-वासुदेव