________________ पुण वयंअण्णामणीहि कामभोगेहि मुच्छामो "इलि सखाए णं वयं काम-भोरी विष्पज हिस्सामी। - से महावी जाणेज्जा बाहिरामतं डणमेव उवणीयलरोग तं जहा-माता पिता में - +---- - --- भाला मे भगिणी मे भज्जा मे पुत्ता मे धूता मै मन्ता मै सुण्हा मै पैसा मे सुही मीस - - * 6 विप्पडितदेति ख१ वृदी विपरिचएति पुर। विप्परियावेति खेर पु१॥ र तैयं म खेरपुर पुर॥ 3 खनु मम का खं // 8 भोगाई!मम खरपूर पू२।। 5 °टादियध अणिटुंजावणी सुहं, पु.१ / / 6 सुहे, आहं ख / / सुह माऽहं पु 6 / / पिट्टातिरख 2 4.1 पु२॥ 4 मोए तु अणि डाभी जावी सुहाभो छ र पुष्परााए "पुबै मखंछ पु. शाप मुच्छिया मोखर पुरा तयांपुर र भगिणी म पुत्ता मे-- धूता में सुण्डा मे पिया मे पिया मसहा में सुही खं 1 // 13 पुत्ता मे नत्ता मधूया मे पेसा मे सहा मे सुही पु 1 // .