________________ भिमाणा तत्थ जे ते समण-माहणा एवमाइक्रांति सले पाणान हतवालच्याहतााएवं उद्देशिकादिविवज्जिणो ते णो आ- - - गंतुंच्छेदाए तं चैव पडिलोमजाव सब्बटुक्रवाण अतं कररसंति। भणियाणि किरियाणाणि, एत्थ पूर्ण परिसमाण कीरति-इ श्यावहिटावज्जा बारस किरियाणा अधम्म पक्रवेऽ णुवसमे समीलारिन्नति, तेण वुच्चति---- - इच्येतहि' बारसहि किरिया ठाणेहि वढमाUTI जीना सिमि-सु णो बुझिसुणी मुच्चिसु णौ परिणि-ब्वाईसु जाव णो सब्दुकरवाज अंतं करेंसु वा णो करेंति वा णो करिसति वा / एयंसि चैव लेरसमे किरिया ठाणे वट्टमाणा जीवा - | सिन्झिसु बुझिसु मुच्चिंसु परिणिवाईसुजाव सव्वदुक्रवा अंतं करेंसुवाकरति वा करिस्मलिका एवं से भिक्खुआयडी आय हिते आयगुत्त आयजोगे आयपरक्कमै आयरविवए आयाणुकंपए आयनिफेडए आयाणमेव पाडसाहरेज्जासित्तिमिता ---|| किरियडाणं वितियं अज्झयसम्मतं // - - -- ------- उच्च लेसु बारससु किरियहाणेसु वडमाणा जीवा अतीतकाले जो सिझंसुति संपयकाले णो सिझंति, एवं अणागते णी सिण्डिसम्मतिातेरसमे किं पुण? किरियट्ठाणे वहमाणा जीवासिज्मंसु वा 3. ( एवं सो भिक्खूजी पोंडीएवुत्तो किरियाणव ज्जओ अधम्मापक्रख अणुवसमजओ य किरियडागसेवी धम पक्रवाहितीउपसंती आयट्ठीजो अपारकरवतिजती आया